टूलकिट मामले में दिशा रवि को दिल्ली की इस अदालत ने दी जमानत, खालिस्तानी कनेक्शन का था आरोप

नई दिल्ली। बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है। पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने दिशा रवि की जमानत याचिका मंजूर की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने उन्हें दो बॉन्ड के साथ 100,000 रुपये की जमानत राशि देने पर जमानत दी। इससे पहले अदालत ने उनको 10 दिन की पुलिस रिमांड में थी। बाद में दिल्ली पुलिस ने अदालत से और रिमांड की अपील की थी, जिसमें अदालत ने उनको एक दिन की रिमांड पर भेजा था। उन पर आरोप है कि किसान आंदोलन में खालिस्तानी कनेक्शन में वो भी शामिल थीं।

इससे पहले पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि किसानों के आंदोलन के समर्थन को लेकर तैयार की गई ‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ की जांच के मामले में मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के कार्यालय पहुंची। पुलिस ने आरोप लगाया था कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गयी। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुलिस ने कहा था कि दिशा का मामले में अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ आमना-सामना कराना है। जैकब और मुलुक सोमवार को जांच में शामिल हुए थे। द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में उनसे पूछताछ की गयी। पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए ‘‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’’ की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था जबकि जैकब और मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी।

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