अमेरिका में आखिर वही हुआ जिसका डर था, 206 साल बाद अमेरिकी लोकतंत्र हुआ शर्मसार

अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हुआ और उसके बाद जिस बात का डर था, आखिर वही हुआ। हिंसा की आशंका था और यही हुआ भी। 3 नवंबर को तय हुआ ता कि जो बाइडेन देश के अगले राष्ट्रपति होंगे, लेकिन फिर भी डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं थे। चुनाव में धांधली के आरोप लगाकर वे जनता के फैसले को नकारते रहे, साथ ही हिंसा की भी धमकी देते रहे।

वोटिंग के 64 दिन बाद जब अमेरिकी संसद बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने जुटी तो अमेरिकी लोकतंत्र शर्मसार हो गया। ट्रम्प के समर्थक दंगाइयों में तब्दील हो गए। यूएस कैपिटल में तोड़फोड़ और हिंसा की। यूएस कैपिटल वही बिल्डिंग है, जहां अमेरिकी संसद के दोनों सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट हैं। कुछ वक्त तक संसद की कार्यवाही रोक दी गई।

https://youtu.be/ijiCMt9olbw

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *