कोरोना के चलते राज्यों के बीच फिर खड़ी हो रहीं दीवारें, अधिक कोरोना केस वाले राज्यों से संपर्क काटने लगे पड़ोसी राज्य

पिछले कुछ दिनों में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी आने लगी है और इसे देश में संक्रमण के दूसरे लहर की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में कई इलाकों में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं तो अब दूसरे राज्यों ने भी इन्हें अलग-थलग करना शुरू कर दिया है। पड़ोसी राज्यों ने आने-जाने वालों पर नियम और शर्तें लगानी शुरू कर दी हैं। कुछ ने चेक पोस्ट लगा दिए हैं तो कुछ निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही लोगों को आने की अनुमति दे रहे हैं।

गुजरात सरकार ने पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा पर चेक पोस्ट लगाकर इन राज्यों से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। इन दोनों राज्यों से आने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है कि कहीं उनमें कोरोना का कोई लक्षण तो नहीं है। बिना लक्षण वाले लोगों को ही राज्य में आने की अनुमति दी जाएगी। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, बेतुल, सिवनी, छिंदवारा, बालाघाट, बरवानी, खंडवा, खरगांव, बुरहानपुर, अलीराजपुर और महाराष्ट्र की सीमा से सटे जिलों के कलेक्टरों से ड्रिस्ट्रक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की बैठक बुलाने को कहा है।  

उधर, कर्नाटक ने पहले ही महाराष्ट्र और केरल से आने वाले लोगों के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता की घोषणा कर दी थी। अब कलबुर्गी जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र जाने वालों के लिए अडवाइजरी जारी की है। जिले में महाराष्ट्र सीमा पर पांच चेक पोस्ट लगाए गए हैं। महाराष्ट्र से कर्नाटक आ रहे लोगों को यहां निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखानी होती है। कर्नाटक ने यही नियम केरल से आने वाले लोगों के लिए भी लागू किया है।

इस बीच केरल के सीएम पी विजयन ने कर्नाटक की ओर से कई सीमाओं को बंद करने पर नाराजगी जाहिर की है। विजयन ने सोमवार को कहा कि केरल से कर्नाटक जाने वाले कई बॉर्डर रोड्स को बंद करने का मामला केंद्र सरकार के सामने उठाया जाएगा। विजयन ने कहा कि कर्नाटक के डीजीपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जरूरी सामानों को ले जाने वाले वाहनों को इस नियम से छूट दी जाएगी।

 

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