नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ से ठगी का मामला सामने आया है। बता दें कि ठगी करने वाले कोई और नही बल्कि जामताड़ा के साइबर ठगी है। मिली जानकारी के मुताबिक ठग सचिवालय के कर्मचारियों को उनके बैंक शाखा के किसी कर्मचारी का नाम बताकर फोन करते हैं। इससे लोग उनके झांसे में आ जाते हैं।
पिछले कुछ दिनों में कई कर्मचारियों के खाते से रुपये निकलने की बात सामने आई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि झारखंड व दिल्ली में बैठकर जालसाज सचिवालय के कर्मचारियों को फोन करते हैं। हालांकि आपको बता दे कि पुलिस का कहना है कि गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस टीम ने दो माह पहले एक गिरोह का भंडाफोड़ भी किया था। बाकियों के लिए लगातार दबिशे दी जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ साइबर अपराधियों के पास सरकारी कर्मचारियों का नाम व मोबाइल नंबर कैसे पहुंचा, इसको लेकर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे। माना जा रहा है कि विभाग के कर्मचारियों का डाटा ठगों को बेचा गया। इससे पहले भी बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से लोगों के खातों का ब्योरा बेचने की बात सामने आ चुकी है। बता दें कि साइबर अपराधी बेहद सक्रिय हैं। हर रोज लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पी जा रही है, लेकिन पुलिस इन अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही। पुलिसकर्मी संसाधनों की कमी का बहाना कर चुप्पी साध लेते हैं। यही वजह है कि साइबर क्राइम की घटनाओं पर नकेल नहीं लग पा रही है।
वर्ष 2020 में 2700 से अधिक लोग साइबर क्राइम के शिकार हुए थे। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन पुलिस का ये दावा है कि साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए राज्य में प्रवर्तन निदेशालय का अनुसंधान व कार्रवाई जारी है। राज्य के तीन बहुचर्चित मामलों में ईडी का अनुसंधान पूरा हो चुका है। अब यह सूचना मिली है कि एक महीने के भीतर साइबर अपराधियों की करोड़ों की संपत्ति को ईडी जब्त करेगा।
वर्ष 2018 में ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसमें सिर्फ जामताड़ा जिले के साइबर अपराधी प्रदीप मंडल, युगल मंडल व संतोष यादव पर 2.49 करोड़ के मनी लांड्रिंग का आरोप है। ईडी में दर्ज प्राथमिकी में यह आरोप लगा था कि आरोपित प्रदीप मंडल ने साइबर अपराध के जरिये एक करोड़ रुपये की ठगी की थी, जबकि युगल मंडल व अन्य पर साइबर अपराध के जरिये 99 लाख तथा तीसरी प्राथमिकी में संतोष यादव पर 50 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगा था। जानकारी के लिए आपको बता दे कि इनपर अब सरकार की निगाहें टेढ़ी हो गई है और अब इनपर लगाम लगाने के निर्देश जारी किये गये है।