नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को BIMSTEC के 17वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया।
इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिम्सटेक देश के आपसीय सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि सदस्य देशों के बीच में राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय सहयोग के लिए बने संगठन बिम्सटेक को गतिशील, मजबूत व परिणाम देने वाला बनाए रखने के लिए कृत संकल्पित है।
जयशंकर ने याद दिलाया कि बिम्सटेक के गठन का बड़ा उद्देश्य आतंकवाद के खात्मे, संगठित अपराध और नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए आपसी सहयोग है। सहयोग का यह नया सिलसिला मार्च से शुरू हो गया है। आवागमन संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य से बिम्सटेक मास्टर प्लान भी तैयार हो चुका है। इस मास्टर प्लान को बिम्सटेक देशों के पांचवें शिखर सम्मेलन में स्वीकार किया जाना है।
उन्होंने कहा कि बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनोमिक को-ऑपरेशन) में भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। बीते कुछ वर्षों में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की गतिविधियां धीमी पड़ जाने से भारत बिम्सटेक को बढ़ावा देने में लगा है।