DESK: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। वहीं समय-समय पर इस स्कीम की डेडलाइन को बढ़ाया गया है और माना जा रहा है कि सरकार इसे एक और बार बढ़ा सकती है। बता दें की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को नए साल में जारी रखने के विचार के खिलाफ नहीं है।
‘वहीं कोरोना काल में इस योजना से समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को फायदा हुआ है। योजना के तहत लाभार्थियों को हर महीने 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न मिलता है। यह उस मात्रा के अतिरिक्त है जो उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बेहद ही रियायती दाम पर दिया जाता है।
सरकार के फैसले का हो रहा इंतजार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा है कि सरकारी स्टॉक से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री की कोई गुंजाइश नहीं होगी।जरूरत पड़ने पर कदम उठाया जाएगा। वहीं सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर बैठकें हुई हैं। अधिकारी पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना पर सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे है। फिलहाल एफसीआई खुले बाजार में गेहूं के स्टॉक की पेशकश करेगा या नहीं यह सरकार पर निर्भर करता है।
बता दें कि अप्रैल 2022 में शुरू हुई इस स्कीम को मार्च 2022 तक एक्सटेेंड किया, फिर इसे बढ़ाकर सितंबर 2022 तक कर दिया गया, बाद में इस योजना को दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। लेकिन अब एक बार फिर से इसके एक्सटेंड करने की तैयारी तल रही है। माना यह भी जा रहा है कि इसे होली तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं जानकार ये भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए सरकार इसे 2024 तक जारी रख सकत है।