टीम इंण्डिया के हेड कोच बने गौतम गंभीर,सामने होंगे ये पांच चैलेंज

आखिरकार GG यानी गौतम गंभीर को दुनिया की सबसे मुश्किल जॉब मिल ही गई, BCCI सचिव जय शाह ने 9 जुलाई को ऐलान कर दिया कि वे भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेच होंगे, फिलहाल भारतीय युवा टीम जिम्मबाबवे दौरे पर है जहां NCA चीफ VVS लक्ष्मण टीम को असिस्ट कर रहे हैं। कोच गैतम गंभीर श्रीलंका दौरे से कार्यभार संभालेंगे, भारतीय टीम को 27 जुलाई से 7 अगस्त तक वहां 3 टी20 और 3 वनडे मैच खेलने हैं…..गौतम गंभीर जिन्होने डोमेस्टिक और इंटरनेशनल लेवल पर कभी किसी टीम को असिस्ट नहीं किया है उनके सामने अगले 3 सालों में 5 बड़ी चुनौतियां होंगी जिन्हें पार करने में अगर वे कामियाब हुए तो इतिहास उन्हें हमेशा याद रखेगा। इस वीडियो में हम गैतम के सामने आने वाली 5 गंभीर चुनौतियाो के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे….अगर आप चैनल पर नए हैं और क्रिकेट से प्यार करते हैं तो चैनल को सब्स्क्राइब करके घंटी भी दबाइए ताकि ऐसी ही जानकारी से भरी क्रिक वीडियोड का डोज आपको हर रोज मिलता रहे।

दोस्तों गौतम गंभीर 2027 तक भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रहेंगे, समय काफी है लेकिन इस समय में काम भी काफी करने को है। चलिए अब जानते हैं कि आखिर गौतम गंभीर के सामने अगले तीन सालों में कौनसी 5 बड़ी चुनौतियां हैं…?

चुनौती नंबर 1 – WTC FINAL में पहुंचना

टीम इंडिया फिलहाल WTC पॉइंट्स टेबल में टॉप पर है लेकिन 2025 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को अगली 3 टेस्ट सीरीज में अच्छा परफॉर्म करना होगा। इनमें भारतीय टीम घर पर बांग्लादेश से 2 और न्यूजीलैंड से 3 टेस्ट होंगे….इसके बाद नवंबर से जनवरी तक टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट खेलेगी… 2014 के बाद से हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ  4 टेस्ट सीरीज जीत चुका है…इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में तो भारत ने लगातार 2 टेस्ट सीरीज जीती हैं। यानी गंभीर के सामने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है। इसी सीरीज के नतीजे से तय होगा कि भारत लगातार तीसरा WTC फाइनल खेलेगा या नहीं…

चुनौती नंबर 2: अगले 3 साल में 5 ICC टूर्नामेंट का टारगेट

दोस्तों 2025 से 2027 तक 5 ICC टूर्नामेंट होने हैं। 2 WTC फाइनल हटा दें तो लिमिटेड ओवर्स के 3 बेहद जरूरी टूर्नामेंट हैं जिसमें 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी, 2026 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2027 का वनडे वर्ल्ड कप शामिल है। ICC टूर्नामेंट्स के इतर इसी दौरान भारतीय टीम की नजर 2 एशिया कप भी होंगी…

एक एक करके बात करें तो चैंपियंस ट्रॉफी को भारत ने 2 बार 2002 और 2013 में जीता है। टीम 2017 में पाकिस्तान से फाइनल हारकर रनर-अप रही थी लेकिन अब 2025 में भारत के सामने पाकिस्तान में ही चैंपियंस ट्रॉफी जीतने की चुनौती है।

टी-20 वर्ल्ड कप की बात करें तो भारत ने यहां भी  2 बार 2007 और 2024 में झंडा गाड़ा है। हम इस वर्ल्ड कप के मौजूदा चैंपियन है। 2026 का टी20 विश्टूव कप भारत और श्रीलंका की मेजबानी में है। यानी गंभीर के सामने होम ग्राउंड पर भारत को पहला टी-20 वर्ल्ड कप जिताने की चुनौती है।

वनडे वर्ल्ड कप में भी भारत ने 2 ही खिताब 1983 और 2011 में जीते हैं। 2027 का टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में होगा। यह  गौतम गंभीर के इस कोचिंग पीरियड का आखिरी टूर्नामेंट है। वनडे वर्ल्ड कप क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट के रूप में देखा जाता है, टीम इंडिया ने  2023 में अपने ही घर पर लगातार 10 मैच तो जीते लेकिन ट्रॉफी की तब भी हमारे हाथ ना लग सकी…. ऐसे में गंभीर के कोचिंग करियर का सबसे बड़ा चैलेंज भारत को वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिलवाना ही है।

बात अगर एशिया कप की करें तो भारत मौजूदा चैंपियन है। गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया 2 एशिया कप भी खेलेगी। 2025 का एशिया कप टी-20 और 2027 का एशिया कप वनडे फॉर्मेट में होगा। खास बात ये है कि 2027 में ही एशिया कप के बाद वनडे विश्व कप होना है तो इस एशिया कप में सभी  एशियन टीमों की वर्ल्ड कप की तैयारी भी पुख्ता हो जाएगी और पता चल जाएगा कि कौन कितने पानी में है।  ऐसे में गंभीर के सामने इनमें भी भारत को अच्छा परफॉर्म करवाने की चुनौती है।

चुनौती नंबर 3: युवा टी-20 टीम की तौयारी

2024 में सीनियरों ने टी-20 वर्ल्ड चैंपियन बनाने के बाद ये फॉर्मेट युवाओं को सौंप दिया… टीम के 3 दिग्गजों कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा ने इस फॉर्मेट से संन्यास ले लिया..ऐसे में गंभीर के सामने 2026 के टी20 वर्ल्ड कप तक इस फॉर्मेट में भारत की बेस्ट टीम तैयार करने की चुनौती है। साथ ही उन्हें रोहित, कोहली और जडेजा के रीप्लेसमेंट भी इसी टाइम में तैयार करने होंगे….IPL में गंभीर ने KKR  को अपनी कप्तानी में 2 बार 2012 और 2014 में चैंपियन बनाया इसके अलावा उनकी मेंटरशिप में  ही 2024 में भी KKR ने ट्रॉफी जीती है। टी20 फॉर्मेट से गौतम का पुराना रिश्त रहा है चाहे 2007 विश्व कप में भारत के लिए शानदार 75 रनों की पारी हो या IPL में उनके शानदार आंकड़े, गौतम को इस फॉर्मेट का चाणक्य माना जाता है…इसी वजह से गंभीर को कोच बनाने का मुद्दा तेजी से सोशल मीडिया पर उठा था… ऐसे में उनसे खासतौर पर टी20 फॉर्मेट में भारत को चैंपियन टीम बनाने की उम्मीद की जा रही है।

चुनौती नंबर 4: सीनियरों के साथ गौतम के संबंध

विराट कोहली हों या रोहित शर्मा, सानियर प्लेयरों के साथ गंभीर की कुछ खास बनती नहीं थी और इतिहास गवाह है कि जब जब सानियर खिलाड़ियों और कोच के बीच तल्खी देखी गई है तब जब टीम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है, हालांकि कोहली के साथ IPL 2024 में गौतम ने गले मिलकर सब साफ कर दिया था और रोहित और गौतम की दोस्ती की भी चर्चा कई बार हो चुकी है….खैर, टी-20 फॉर्मेट से तो 3 सीनियर प्लेयर्स ने संन्यास ले लिया, लेकिन ये तीनों खिलाड़ी वनडे और टेस्ट खेलना अभी जारी रखेंगे। रोहित, विराट और जडेजा 2 फॉर्मेट खेल रहे हैं, वहीं रविचंद्रन अश्विन लंबे समय से टेस्ट टीम का हिस्सा हैं… ऐसे में देखना अहम होगा कि गंभीर इन 4 प्लेयर्स से किस तरह की केमिस्ट्री बैठाते हैं….

कैमिस्ट्री तो एक तरफ लेकिन गंभीर के पास सीनियर प्लेयर्स के रीप्लेसमेंट ढूंढने की भी चुनौती है। 35-35 साल के जडेजा और कोहली 2027 तक वनडे और टेस्ट खेल सकते हैं। वहीं 37-37 साल के रोहित और अश्विन के 2025 से 2027 के दौरान संन्यास लेने की आशंका है। ऐसे में गंभीर के सामने सीनियर्स के टीम में रहते हुए ही इनका बेस्ट ऑप्शन तैयार करने की चुनौती है…क्योंकि ये चारों सीनियर्स ही पिछले 12-13 साल से टीम की रीढ़ बने हुए हैं, इसलिए गंभीर को इनकी तरह ही नए खिलाड़ी तैयार करने होंगे, जो मुश्किल परिस्थिति में टीम को संभालकर जिता सकें।

चुनौती नंबर 5: रोहित के बाद लीडर कौन?

कप्तान रोहित टी-20 से संन्यास ले चुके हैं… उनकी जगह हार्दिक पंड्या ही इस फॉर्मेट में भारत की कमान संभालने के सबसे बड़े दावेदार हैं। रोहित 2025 तक वनडे और टेस्ट में कप्तान भी रहेंगे… वनडे में तो उनकी जगह 30 साल के पंड्या कप्तान बनाए जा सकते हैं, लेकिन हार्दिक टेस्ट नहीं खेलते, और यहीं फंसा है पेंच…रोहित के बाद भारत का टेस्ट कप्तान कौन होगा, गौतम को यह ढूंढना भी है और उसे तराशना भी है।

टीम इंडिया में लंबे समय से यह फिलॉसफी रही कि तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान होना चाहिए। इसी कारण 2008 के बाद एमएस धोनी, 2017 से विराट कोहली और 2022 से रोहित शर्मा ने तीनों फॉर्मेट में भारत को लीड किया। अगर यही फिलॉसफी जारी रही तो गंभीर के सामने टीम इंडिया का ऑल फॉर्मेट कप्तान तैयार करने की भी चुनौती है…..गौतम को चाहे वाइट और रेड बॉल में टीम अलग करनी हों लेकिन परंपरा के हिसाब से कप्तान तो एक ही होना चाहिए, हालांकि यहां भी गंभीर कुछ क्रांतिकारी फैसला ले सकते हैं…लेकिन रोहित अगर 2027 तक कप्तान बने रहे तो टीम इंडिया 4 साल तक नए टी-20 कप्तान की लीडरशिप में  खेलेगी…. ऐसे में यह भी उम्मीद की जा सकती है कि गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया स्प्लिट कैप्टन यानी हर फॉर्मेट का अलग कप्तान बनाने की स्ट्रैटजी भी अपना सकती है। ऐसे में टी-20, वनडे और टेस्ट तीनों फॉर्मेट का अलग-अलग कप्तान भी हो सकता है।

इन 5 बडी चुनौतियों को अगर गौतम गंभीर ने पास कर लिया तो यकीन मानिए गौतम गंभीर का कद भारतीय क्रिकेट में बहुत ऊंचा हो जाएगा..चुनौतियां बड़ी हैं लेकिन गौतम गंभीर का ऐटीट्यूड और अप्रोच भारत के बेहद काम आ सकता है। भले ही गंभीर को कोचिंग का अनुभव ना हो लेकिन सालों से बदलते आ रहे नए क्रिकेट के बदलावों को गंभीर ने बेहद करीब से देखा है, उनकी नस नस में मैच जीतने के फॉर्मूले बहते हैं। विश्व चैंपियन बनने के बाद राहुल द्रविड ने टीम इंडिया को जिस लेगेली के साथ छोड़ा है उस लेगेसी को गौतम गंभीर बखूबी आगे बढ़ाएंगे इसकी हमें पूरी उम्मीद है…इस पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट बॉक्स में बताएं…..

 

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