अंतर्राष्ट्रीय

नहीं दिया 3 तीन नोटिस का जवाब,केंद्र सरकार का ट्विटर के खिलाफ कड़ा रवैया

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान सामने आए ट्विटर अकाउंट्स को लेकर सरकार ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को तीन नोटिस जारी किए

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान सामने आए ट्विटर अकाउंट्स को लेकर सरकार ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को तीन नोटिस जारी किए गए हैं। इसके जरिये ट्विटर को ‘बैड’ यानी प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ और झूठी जानकारी देने वाले अकाउंट को बंद करने को कहा गया है, लेकिन कंपनी ने न तो कोई अकाउंट बंद किए हैं और न ही अपने प्लेटफार्म से भड़काऊ ट्वीट ही हटाए हैं। कंपनी की तरफ से कहा जा रहा है कि वह सरकार के साथ बातचीत करना चाहती है।

कानूनों के विरोध के नाम पर अस्थिरता फैलाने की कोशिश

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नोटिस के साथ ही ट्विटर को बैड अकाउंट की सूची भी सौंपी है। सरकार की तरफ से ट्विटर को पहले 257 लिंक दिए गए थे और उन्हें ब्लॉक करने कहा गया था। उसके बाद चार फरवरी को उसे 1,178 अकाउंट की सूची सौंपी और उन्हें अपने प्लेटफार्म से हटाने को कहा। सरकार का कहना है कि ये अकाउंट या तो पाकिस्तान समर्थित हैं या खालिस्तान समर्थकों द्वारा चलाए जा रहे हैं। इनके जरिये भारत में कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है।

ट्विटर ने इनमें से कुछ अकाउंट को पिछले महीने कुछ समय के लिए ब्लॉक भी किया था। लेकिन उन्हें चालू कर दिया गया। यही नहीं ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने विरोध प्रदर्शन वाले कुछ ट्वीट को लाइक भी कर दिया। ट्विटर इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बता रहा है।

अब सरकार का स्पष्ट कहना है कि अगर ट्विटर की तरफ से कार्रवाई नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ आइटी एक्ट के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे। साइबर कानून के जाने-माने जानकार पवन दुग्गल के मुताबिक ट्विटर जैसी कंपनियां भारत में अपनी सेवाएं दे रही हैं तो यहां लागू कानून का उन्हें पालन करना ही होगा। अगर ट्विटर सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करती है तो सरकार के पास उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। इसमें सरकार उसके एप और वेबसाइट को ब्लॉक या निलंबित भी कर सकती है।

इस बीच, भारत में ट्विटर की एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारत के प्रौद्योगिकी मंत्री से बात करना चाहती है। कंपनी ने औपचारिक वार्ता के लिए मंत्री से संपर्क भी किया है। प्रवक्ता ने सोमवार को पहली बार माना कि सरकार से उसे नोटिस मिला है। साथ ही प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सरकार की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई। कंपनी ने कहा कि सूचना के मुक्त आदान-प्रदान का वैश्विक स्तर पर सकारात्मक असर पड़ता है, इसलिए ट्वीट होते रहने चाहिएं।

मंत्रालय और सरकारी विभागों के अकाउंट कूपर

‘बैड’ अकाउंट बंद करने के सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय समेत विभिन्न सरकारी विभागों ने ट्विटर के स्थान पर स्वदेशी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट कू पर अपना अकाउंट बना लिया है।

कू ने एक बयान में कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अलावा अब तक माय गोव, डिजिटल इंडिया, इंडिया पोस्ट, नेशनल इंफॉमेटिक्स सेंटर (एनआइसी), उमंग एप, डिजि लॉकर, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम समेत कई सरकारी विभागों के अधिकृत अकाउंट उसके प्लेटफार्म पर आ गए हैं।

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