गौतम अडानी और अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग का मामला एक बार फिर चर्चा में है. बीते साल हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के सभी शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली थी, इतनी ही नहीं गौतम अडानी की नेट वर्थ में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के करीब 1 साल बाद मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को 46 पन्नों का कारण बताओ नोटिस जारी किया है. लेकिन अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये धोखाधड़ी उजागर करने वालों को चुप करने के लिए किया गया है.
आपको बता दे कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते साल जनवरी महीने में Adani Group को लेकर 106 पेज की रिपोर्ट पब्लिश की थी. इसमें अडानी ग्रुप पर कर्ज से लेकर शेयरों की कीमत में हेरा-फेरी करने के कई आरोप लगाए गए थे. 24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म की ये रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद शेयर बाजार में लिस्टेड अडानी की कंपनियों के शेयरों में बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. लेकिन कुछ समय के बाद ही अडानी ग्रुप ने खुद को रिकवर कर लिया था.
अब मार्केट रेग्युलेटर सेबी की ओर से मिले कारण बताओ नोटिस के चलते अमेरिकी शॉर्ट शेलर फर्म हिंडनबर्ग बौखलाई सी नजर आ रही है और उसने नोटिस को ही गलत करार दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग ने स्टेटमेंट दिया है कि ये नोटिस भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने का प्रयास है.
SEBI ने हिंडनबर्ग को भेजे नोटिस में कहा है कि अमेरिकी फर्म ने अपनी रिपोर्ट में तथ्यों को गलत ढंग से पेश करते हुए लोगों को गुमराह करने का काम किया था. यहां बता दें कि बीते साल जब Hindenburg ने अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी, तो अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें निराधार बताया था. लेकिन इसके बावजूद Adani Group के शेयरों में लंबे समय तक भारी गिरावट जारी रही और ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर तक कम हो गया था.
अब Adani Group हिंडनबर्ग के भंवर के बार निकलते हुए जोरदार वापसी कर रहा है और गौतम अडानी ने काफी हद तक इस नुकसान की भरपाई की है. Bloomberg Billionaires इंडेक्स के मुताबिक, गौतम अडानी की नेटवर्थ 105 अरब डॉलर है और इस आंकड़े के साथ टॉप अरबपतियों की लिस्ट में अडानी 14वें नंबर पर हैं.