अगर आप कावड़ लेने जा रहे थे तो याद रखे ये नियम ?

kavad yatra: सावन का महीना बहुत फलदायी और शुभ माना जाता है कहते है की सावन के महीने में  अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करे तो भगवान शिव को पा सकता है इसलिए इस महीने को शुभ और लाभदायी माना गया है ये तो सभी को पता है भोले कितने भोले है इसलिए भोलेनाथ के भक्त उनकी आराधना में भाव भिवोर रहते है आपको बता दे 22 जुलाई से सावन के सोमवार की शुरुआत हो रही है और इसी के साथ कावड़ यात्रा भी प्रारभ हो जाती है लोग कावड़ लेने जाते है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने कांवड़ यात्रा पर जाने से भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है. लेकिन यह यात्रा तभी पूरी मानी जाती है जब इससे जुड़े नियमों का श्रद्धा के साथ  पालन किया जाए. यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य पहली बार कांवड़ लेने जा रहा है तो कुछ नियमों का जरूर पालन करें.

कांवड़ यात्रा पर जानें से पहले जान लें नियम, ये नियम सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. कावड़ लाने के लिए सख्त नियमों का पालन किया जाना चाहिए.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में कांवड़ यात्रा काफी महत्वपूर्ण होती है. यदि आप भी भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद पाने के लिए इस यात्रा पर जा रहे हैं तो तन और मन दोनों से स्वच्छ व पवित्र होना जरूरी है.

यदि आप भी कांवड़ लेने जा रहे हैं कि ध्यान रखें कि गलती से भी कांवड़ को धरती पर न रखें. इसलिए यात्रा के दौरान जगह-जगह कांवड़ियों के विश्राम की व्यवस्था के साथ ही कांवड़ रखने के लिए ऊंचे स्थान बनाए जाते हैं.

कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. इस दौरान किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन या नशे से दूर रहना चाहिए. यदि गलती से भी कांवड़ यात्रा में इन चीजों का सेवन हो जाता है तो यात्रा की फल नहीं मिलता, यात्रा को पूरा नहीं माना जाता, और तो और कहा है कि भोलेनाथ जलाभिषेक को ग्रहण नहीं करते.

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