देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने रविवार को लगभग चार महीने बाद एक बार फिर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश को संबोधित किया। देश के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि उन्हें हर महीने के आखिरी रविवार को इसकी कमी खलती थी। दरअसल ‘मन की बात’ का पिछला एपिसोड 25 फरवरी को सुनाया गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण मार्च, अप्रैल और मई में ‘मन की बात’ का प्रसारण नहीं हो पाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 30 जून के इस महत्वपूर्ण एपिसोड में कहा, “आज वह दिन आ ही गया, जिसका हम सभी फरवरी से इंतजार कर रहे थे। मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवारजनों के बीच मैं आया हूं। एक बड़ी प्यारी सी उक्ति है – ‘इति विदा पुनर्मिलनाय’, इसका अर्थ है, ‘मैं विदा लेता हूं, फिर मिलने के लिए।’ इसी भाव से मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद फिर मिलूंगा, और आज, ‘मन की बात’ के साथ, मैं, आपके बीच फिर हाजिर हूं’
आपको बतादें कि मोदी इस बार लगातार देश के तीसरे पीएम के तौर पर देश की जनता से मन की बात की है मोदी ने इस अंक ये यह भी कहा कि “फरवरी से लेकर अब तक, जब भी, महीने का आखिरी रविवार आने को होता था, तब मुझे आपसे इस संवाद की बहुत कमी महसूस होती थी। लेकिन, मुझे यह देखकर बहुत अच्छा भी लगा कि इन महीनों में आप लोगों ने मुझे लाखों संदेश भेजे।” आगे पीएम बोले ‘मन की बात’कार्यक्रम भले ही कुछ महीने बंद रहा हो, लेकिन, उसकी भावना के अनुरूप देश में, समाज में, हर दिन अच्छे काम, निस्वार्थ भावना से किए गए काम, समाज पर सकारात्मक असर डालने वाले काम निरंतर चलते रहे।
वहीं आगे मोदी ने देश की जनता से कहा कि मैं आज देशवासियों को धन्यवाद भी करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है। 2024 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें, 65 करोड़ लोगों ने वोट डाले हैं। मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रक्रिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं।”
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ के इस एपिसोड में “आपसे जुड़ना बहुत अच्छा रहा। अब यह सिलसिला फिर पहले की तरह चलता रहेगा।” उन्होंने पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा, अमरनाथ यात्रा और पंढरपुर वारी के लिए श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।