नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पहले ‘भारत खिलौना मेला’ का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए खिलौना बनाने वालों से बातचीत की।
बातचीत को दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये पहला toy fair केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। यह कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है। हमारे यहां खिलौने पीढ़ियों की विरासत के तौर पर संभाल कर रखें जाते थे। दादी-नानी के खिलौने परिवार के तीसरी चौथी पीढ़ी को दिए जाते थे। खिलौना बच्चों को खुशियों को अनंत दुनिया में ले जाता है। खिलौने का एक-एक रंग बच्चों के जीवन में अनेक रंग बिखेरता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं देश के toy manufacturers से भी अपील करना चाहूंगा कि आप ऐसे खिलौने बनाएं जो ecology और psychology दोनों के लिए ही बेहतर हों! ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें जिन्हें recycle कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहला TheIndiaToyFair केवल व्यापारिक व आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है। यह देश की सदियों पुरानी खेल व उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की कड़ी है। उन्होंने कहा कि देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में दर्जा दिया है। National Toy Action Plan भी तैयार किया गया है। इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि ये उद्योग competitive बने, देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बनें, और भारत के खिलौने दुनिया में भी जाएं।
पीएम मोदी ने कहा कि खिलौनों के क्षेत्र में भारत के पास tradition भी है और technology भी है। भारत के पास concepts भी हैं, और competence भी है। हम दुनिया को eco-friendly toys की ओर वापस लेकर जा सकते हैं। हमारे software engineers computer games के जरिए भारत की कहानियों को दुनिया तक पहुंचा सकते हैं।