DESK: जम्मू-कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग से कश्मीरी पंडितों में दहशत का माहौल है। लोग हर वक्त डर के साए में जी रहे हैं। इस खून खेल को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। दरअसल सरकार ने टारगेट किलिंग को देखते हुए राजौरी और पूंछ में सीआरपीएफ के दो हजार से अधिक जवानों को तैनात करने का फैसला लिया है। जिसके बाद जिले के अल्पसंख्यक आबादी वाले इलाकों में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती शुरू हो गई है।
अल्पसंख्यक इलाकों में CRPF के जवानों की तैनाती
पिछले दिनों राजौरी में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद केंद्र ने ये कदम उठाया है। जहां दो आतंकी हमलों में अल्पसंख्यक समुदाय के 6 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल थे। जबकि 11 लोग घायल हुए थे।
वहीं इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि राजौरी और पूंछ में आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए सीआरपीएफ की 20 से अधिक कंपनियों को अल्पसंख्यक इलाकों में तैनात किया जा रहा है। सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल और अन्य बड़े अधिकारी इलाके में जवानों की तैनाती की निगरानी कर रहे हैं।
घरों में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग
बता दें कि पिछले दिनों आतंकियों ने राजौरी जिले के डांगरी गांव में अल्पसंख्यकों के तीन घरों में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी। जबकि छह लोग घायल हो गए थे। इसके बाद अल्पसंख्यक समाज के लोग घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे तभी आतंकियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी में धमाका हुआ। धमाके की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि पांच लोग घायल हो गए थे। इन खौफनाक घटनाओं के बाद अल्पसंख्यक समाज के लोग केंद्र सरकार से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।