कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश कानपुर देहात रसूलाबाद तहसील में सरकार किसानों की समस्याओं को देखते हुए किसानों के क्षेत्रों में किसानों को समय पर खाद बीज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी साधन समिति व राजकीय कृषि गोदामों पर उन्नतशील बीज खाद दी जा रही है तो वहीं ऐसे में किसानों की तैयार हुई फसलों को अच्छे दामों पर विक्रय हेतु सरकारी धान खरीद केंद्र खुलवाए गए जहां किसानों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं जिससे किसान अपनी तैयार की गई फसल को सरकारी धान केंद्रों पर फसल को अच्छे दामों पर बेच सके और किसान अपनी आय को मजबूत करके अपने परिवार का भरण पोषण कर सके लेकिन धान सरकारी केंद्रों पर केंद्र प्रभारियों की मनमानी के चलते किसान लाचार और बेबस नजर आ रहा है.
ताजा मामला जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील का है जहां पर सरकारी धान केंद्र बने हुए हैं लेकिन केंद्रों पर धान खरीद के नाम पर किसानों को टरकया जाता है और किसान बेबस लाचार होकर ओने पौने दामों पर अपनी फसल को बिचौलियों को बेचता है वही उप जिलाधिकारी रसूलाबाद जितेंद्र कटियार ने सरकारी धान क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया जहां पर बिल्लौर रोड पर स्थित राजकीय धान खरीद केंद्र पर उप जिलाधिकारी ने दस्तावेज चेक किए वहीं पर किसानों से वार्ता की वही कई किसानों ने धान खरीद केंद्र अधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाया और धान ना लेने का भी आरोप लगाते हुए उप जिलाधिकारी से शिकायत की जहां उपजिलाधिकारी ने संबंधित धान खरीद केंद्र अधिकारी से जवाब मांगा तो वही झींझक रोड पर स्थित सरकारी धान क्रय केंद्र का औचक निरीक्षण किया साथ ही रसूलाबाद ब्लाक में स्थित सरकारी धान क्रय केंद्र पर स्टॉक चेक किया साथ ही ऑनलाइन किसानों के हुए रजिस्ट्रेशन चेक किए संबंधित सरकारी धान क्रय केंद्रों के प्रभारियों को किसानों के समय से रजिस्ट्रेशन कराने के साथ-साथ किसानों की फसलों को समय से खरीदने के कड़े दिशा निर्देश दिए वहीं उप जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण के बाद पहुंचे रसूलाबाद बिल्हौर रोड पर स्थित राजकीय धान क्रय केंद्र पर निराला नगर निवासी शिवपाल किसान ने आरोप लगाया कि सिफारिशों के तौर पर धान केंद्र प्रभारी लोगों की धान खरीद है और कई दिनों से रजिस्ट्रेशन के लिए चक्कर लगा रहे हैं.
जहां पर सरकारी खरीद बीज भंडार से दस्तावेज की रसीद मांगी जा रही लेकिन रसीद ना होने की वजह से रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है वही किसान ने आरोप लगाया कि उन्हीं के सामने सिफारिश के तौर पर एक लोगों की बगैर दस्तावेज के भी रजिस्ट्रेशन कर दिया गया और धान लाने को बोल दिया गया किसान ने आरोप लगाया कि रजिस्ट्रेशन होते हुए भी वजह से कई दिनों से चक्कर लगा रहे हैं और रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ ऐसे में अब औने पौने दामों पर गांव में बिचौलियों को धान बेचनी पड़ेगी.