उत्तराखंड

जानिए, बाल विकास विभाग कार्यालय में बैठे अधिकारी कैसे कर रहे सरकारी आदेशों की अवहेलना

कोरोना जैसी महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं बाल विकास विभाग के अधिकारी

उत्तराखंड। लक्सर में बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में बैठे अधिकारी सरकारी आदेश को भी मानने को तैयार नहीं है। बाल विकास विभाग कार्यालय में बैठे अधिकारी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन से जैसे उन्हें कोई सरोकार ही नहीं है। ऐसे में अब ऐसा लगता है की बाल विकास विभाग के अधिकारी कोरोना जैसी महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार द्वारा बीते दिन एक आदेश जारी किया गया था जिसमें अति आवश्यक सेवाओं को प्रदान करने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे और उनमें सैनिटाइजर और साफ-सफाई कराई जाएगी। लेकिन बाल विकास विभाग कार्यालय लक्सर ने एक आदेश जारी किया जिसमें सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को टीएचआर रजिस्टर लेकर आज सुबह 10 बजे कार्यालय पर आने के लिए आदेशित कर दिया गया।

सभी कार्यालय बंद होने के बावजूद भी लक्सर बाल विकास विभाग कार्यालय खुला रहा। मौके पर पहुंची सभी कार्यकत्रियों ने कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। कार्यकत्रियों ने बताया की जब सरकारी आदेश जारी हो चुका था तो उसके बाद हमें कार्यालय क्यों बुलाया गया। विभाग हम पर अपनी मनमानी थोप रहा है, जिसके चलते हमें भारी परेशानी हो रही हैं। विभाग हमें कभी बहादराबाद बुलाता है कभी जगजीतपुर तो कभी लक्सर बुलाता है। समझ में नहीं आता की कार्यालय में बैठे अधिकारी आखिर चाहते क्या हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है की टीएचआर का बहाना लेकर अधिकारी हमें परेशान कर रहे हैं।

वहीं, बाल विकास विभाग कार्यालय लक्सर में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि लक्सर में आज कल बाल विकास विभाग में समूह की जांच का कार्य चल रहा है। जिसके चलते आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को एक मैसेज भेजा गया था की वह अपने टीएचआर रजिस्टर को लेकर आज सुबह कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा की हमारे द्वारा मैसेज पहले ही भेज दिया गया था जबकि सरकार के द्वारा भेजा गया पत्र हमें बाद में प्राप्त हुआ। कार्यकत्री दूर-दराज के गांव से आती हैं इसीलिए हमने आज 10 बजे कार्यालय खोल दिया जो भी कार्यकत्री पहुंच रही हैं उनका रजिस्टर जमा किया जा रहा है।अधिकारी ने बताया की कार्यालय खोलने के पीछे का कारण यह है जांच का कार्य बाधित ना हो।

रिपोर्ट- अरुण कुमार

 

 

 

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