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पीएम की महारैली के बाद तृणमूल में मची भगदड़, 5 विधायकों सहित पूरा मालदा जिला परिषद भाजपा में शामिल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल के सभी 291 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, लेकिन इस बार 27 मौजूदा विधायकों तक का टिकट काट दिया गया है। इसके अलावा भी कई नेता जो टिकट की आस लगाए बैठे थे, निराशा हाथ लगने के बाद पूरे राज्यभर में तृणमूल नेताओं में काफी असंतोष है। इस कारण वे पार्टी से विद्रोह कर लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

नई दिल्ली। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल में चुनावी शोर तेज हो गया है। पश्चिम बंगाल के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुई महारैली के अगले दिन ही सोमवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में काफी भगदड़ देखने को मिली है। टिकट न मिलने से नाराज TMC के 5 विधायकों ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। गौर करने वाली बात ये है कि मालदा जिले के हबीबपुर सीट से तृणमूल प्रत्याशी सरला मुर्मू ने भी पार्टी को टाटा बाय-बाय कर दिया है। बंगाल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब किसी प्रत्याशी ने टिकट मिलने के बावजूद पार्टी छोड़ दी है। इतना ही नहीं, मालदा जिला परिषद के 14 सदस्यों ने भी तृणमूल का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखा जाए तो पूरे मालदा जिला परिषद पर भाजपा का कब्जा हो चुका है।

बांग्ला अभिनेत्री तनुश्री चक्रवर्ती भी भाजपा में शामिल

बता दें कि एक और बांग्ला अभिनेत्री तनुश्री चक्रवर्ती ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। कोलकाता के हेस्टिंग्स स्थित भाजपा के चुनाव कार्यालय में आयोजित योगदान मेले में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की मौजूदगी में तृणमूल के पांचों मौजूदा विधायकों व तृणमूल प्रत्याशी सहित इन सभी लोगों ने भगवा झंडा थामा। घोष व रॉय ने इन लोगों को पार्टी का झंडा देकर स्वागत किया। भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में रवींद्र नाथ भट्टाचार्य (सिंगुर), जट्टू लाहिड़ी (शिवपुर), विधानसभा में डिप्टी स्पीकर सोनाली गुहा (सतगछिया), दीपेंदु विश्वास (बशीरहाट दक्षिण) एवं शीतल सरदार (सांकराइल) हैं।

इनमें हुगली के सिंगूर से विधायक भट्टाचार्य एवं हावड़ा के शिवपुर से विधायक जट्टू लाहिड़ी तृणमूल के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक थे। 80 वर्षीय रवींद्र नाथ भट्टाचार्य बहुचर्चित सिंगूर आंदोलन में ममता बनर्जी के प्रमुख सहयोगी रहे हैं, लेकिन आखिरकार उन्हें भी पार्टी छोडऩी पड़ी। उन्होंने कहा कि तृणमूल अब परिवार की पार्टी बनकर रह गई हैं। वहीं, चुनाव से पहले पांच विधायकों सहित इतनी बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं का छोडऩा ममता के लिए बड़ा झटका है। गौरतलब है कि चुनाव से पहले हाल के दिनों में तृणमूल के कई विधायकों सहित दो कद्दावर मंत्री तक भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

टिकट वितरण के बाद तृणमूल में भारी असंतोष

बता दें कि हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल के सभी 291 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, लेकिन इस बार 27 मौजूदा विधायकों तक का टिकट काट दिया गया है। इसके अलावा भी कई नेता जो टिकट की आस लगाए बैठे थे, निराशा हाथ लगने के बाद पूरे राज्यभर में तृणमूल नेताओं में काफी असंतोष है। इस कारण वे पार्टी से विद्रोह कर लगातार भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

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