नई दिल्ली। स्टार्टअप इंडिया के पांच साल के मौके पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन -प्रारंभ को पीएम मोदी ने शनिवार को संबोधित किया। साथ ही स्टार्टअप को पूंजी उपलब्ध कराने के लिए एक हजार करोड के शुरुआती फंड का किया ऐलान।
बता दें कि 5 साल पहले मोदी सरकार ने स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इस मौके पर शनिवार को पीएम मोदी ने अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन-प्रारंभ को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने अगले 5 वर्षो के लिये इस क्षेत्र को दिशा दिखाने का खाका पेश किया।
बिमस्टेक देशों के साथ स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शिरकत की। उन्होंने सदस्य देशों के साथ साझी विरासत-सभ्यता और चुनौतियों के मद्देनज़र ज़्यादा से ज़्यादा स्टार्ट-अप क्षेत्र में साथ आने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि देशों के बीच संबंध जितने मज़बूत होंगे उतना ही बिमस्टेक देशों के स्टार्टअप को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई सदी डिजिटल की है और एशिया की भूमिका काफी अहम होगी।
भारत की स्टार्टअप यात्रा पर प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में भारत में सोच बदली है और अब देश में सिर्फ शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षत्रों में भी स्टार्टअप बढ़ रहे हैं। यही वज़ह रही कि कार्यक्रम के दौरान 12 कैटगरी में दिए गए स्टार्टअप पुरस्कारों में से 8 छोटे शहरों के स्टार्टअप को दिए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनिकार्न क्लब में आज भारत की मौजूदगी बढ़ रही है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता प्रयोग और डिजिटल होते भारत में रक्षा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय क्षेत्र में स्टार्टअप बढ़ रहे हैं और एक ऐसा ईकोसिस्टम बन रहा है जो कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी साबित होगा। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप क्षेत्र में पूंजी की कमी को दूर करने के लिए 1 हज़ार करोड़ के फंड की घोषणा भी की।