एक तरफ जहां पूरे सरकारी तंत्र ने हाथरस में हुई दर्दनाक घटना का ठीकरा प्रशासन के सर पर मड़ दिया, वो वहीं दूसरी और तमाम राजनैतिक दलों के सुर भी ठीक वैसे ही है. जैसे इस घटना का भोले बाबा से कोई लेना देना नहीं है,लेकिन बहनजी के बारे में ये कहा जाता है कि जो काम करने कि किसी में हिम्मत नही होती वो काम मायावती बिना संकोच किये कर देती हैं।
जी हां हाथरस कांड में 121 लोगों की मौत के बाद जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट के बाद लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन अब मायावती ने हाथरस वाले भोले बाबा को आड़े हाथों ले लिया और सीधा सूबे की योगी सरकार पर बड़े आरोप लगा दिए हैं दरअसल 2 जुलाई को हाथरस जिले के सिकंद्र राव में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी। जिसके बाद जांच कर रही एसआईटी की टीम ने रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है जिसमें बाबा को किसी भी संल्लिप्ता से दूर रखा गया है. एसआईटी की इस रिपोर्ट पर बहुजन समाज पार्टी यानी कि बीएसपी की मुखिया मायावती ने कई सवाल उठा दिए है। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एसआईटी की रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं है बल्कि राजनीति से प्रेरित ज्यादा है मायावती ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के बारे में खामोशी बड़ी चिंता का कारण है और सरकार भोले बाबा उर्फ सूरजपाल पर कड़ी कारवाई की बजाय उसे क्लीन चीट देने की कोशिश कर रही है
यानी मायावती ने सीधा-सीधा योगी सरकार पर सवाल उठा दिए कि योगी सरकार भोले बाबा को बचाने की कोशिश कर रही है अब जरा विस्तार से पूरा पोस्ट देखिए मायावती ने पोस्ट में लिखा यूपी के जिला हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता जागता परिणाम किंतु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है यह अति दुखद मायावती ने दूसरा पोस्ट लिखा इस अति जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है साथ ही उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की बजाय उसे क्लीन चीट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय सरकार जरूर ध्यान दें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।
बता दें कि हाथरस कांड के बाद पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की उसमें मुख्य आयोजन कर्ता देव प्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया लेकिन एफआईआर में भोले बाबा का कहीं नाम नहीं था और अब एसआईटी की रिपोर्ट में भी घटना के पीछे कार्यक्रम के आयोजकों की लापरवाही को मुख्य कारण माना है साथ ही एसआईटी ने स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार माना है लेकिन एसआईटी की इस पूरी रिपोर्ट में नारायण साकार हरी उर्फ भोले बाबा का कोई जिक्र नहीं जिसके बाद मायावती ने साफ-साफ कह दिया कि सरकार भोले बाबा को बचाने की कोशिश कर रही है और साथ ही सूरजपाल उर्फ भोले बाबा पर कड़ी कारवाई की मांग कर दी।