मेरठ : बीच सड़क पर फूट-फूट कर रोने लगीं महिला दरोगा, थाना इंचार्ज पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
महिला थाना इंचार्ज पर तबीयत खराब होने के बावजूद भी ड्यूटी करने का दबाव बनाने का आरोप लगा जमकर किया हंगामा

मेरठ। आम जनता को हिम्मत और इंसाफ दिलाने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस की महिला दरोगा महिला थाना इंचार्ज के दबाव से परेशान होकर बीच सड़क पर फूट-फूटकर रोने लगीं। महिला दरोगा ने महिला थाना इंचार्ज पर तबीयत खराब होने के बावजूद भी ड्यूटी करने का दबाव बनाने का आरोप लगा जमकर हंगामा भी किया।
मौके पर पहुंची महिला थाना इंचार्ज ने महिला दरोगा का वीडियो बनाना शुरू कर दिया, जिसको देखकर महिला दरोगा और आग बबूला हो गईं और अपने शॉल से ही अपना गला दबाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिला दरोगा को संभाला और निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
बता दें कि महिला अलका चौधरी नाम की महिला दरोगा हापुड़ रोड़ पर स्कूटी से जा रही थीं। तभी अचानक उनको चक्कर आया और वह सड़क पर गिरने से बच गईं। जिसके बाद थाना खरखौदा क्षेत्र के बिजली बंबा चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने महिला दरोगा को चौकी पर बैठा लिया। यहां महिला दरोगा महिला थाना प्रभारी संध्या सिंह पर उत्पीड़न का आरोप फूट-फूट कर रोने लगीं। महिला दरोगा अलका चौधरी ने बताया कि वो पिछले 1 महीने से बीमार चल रही हैं लेकिन, महिला थाना प्रभारी संध्या सिंह उन पर लगातार ड्यूटी करने का दबाव बना रही हैं। ड्यूटी ना करने पर महिला थाना प्रभारी संध्या सिंह महिला दरोगा अलका चौधरी पर एफआईआर दर्ज करने तक की धमकी देती हैं।
मौके पर महिला थाना प्रभारी संध्या सिंह भी पहुंची तो महिला दरोगा अलका चौधरी ने रोते हुए बताया कि थाना प्रभारी संध्या सिंह के उत्पीड़न के चलते वो डिप्रेशन में चली गई हैं। इसी बीच महिला थाना प्रभारी संध्या सिंह ने अपने मोबाइल से महिला दरोगा का वीडियो बनाना शुरू कर दिया, जिसके बाद महिला दरोगा ने अपने गले में पड़ी शॉल से फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगीं। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिला दरोगा से किसी तरीके से शॉल छीनी और उन्हें बचाया। दरोगा अलका चौधरी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, इस पूरे मामले पर पुलिस का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।
रिपोर्ट- साजिद इदरीसी