नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। हलांकि इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल शामिल नहीं हुए हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें हर हाल में कोरोना महामारी को हराना होगा और इसके लिए मास्क को लेकर गंभीरता अभी भी बहुत जरूरी है।
हमें वैक्सीन डोज व्यर्थ होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में वैक्सीन वेस्टेज 10% से ज़्यादा है और उत्तर प्रदेश में भी वैक्सीन वेस्टेज क़रीब इतना ही है। वैक्सीन वेस्टेज की राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए: प्रधानमंत्री #CovidVaccine pic.twitter.com/ysF2a0V9yc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 17, 2021
पीएम ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं, लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन की बर्बादी की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना होगा। कोरोना की लड़ाई में वैक्सीन प्रभावी हथियार है।
ये मंथन का विषय है कि आखिर कुछ क्षेत्रों में ही टेस्टिंग और टीकाकरण कम क्यों हो रहा है। हमें जहां जरूरी हो माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन बनाने के विकल्प पर भी काम करना चाहिए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी #COVID19 pic.twitter.com/OITI8znMT4
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मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को एक साल से ज्यादा हो रहा है। भारत के लोगों ने कोरोना का जिस प्रकार सामना हो रहा है, उसे लोग उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं। आज देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं। मृत्यु दर में भी भारत सबसे कम दर वाले देशों में है। कुछ राज्यों में केसों की संख्या बढ़ रही है। देश के 70 जिलों में ये वृद्धि 150 प्रतिशत से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की इस उभरती हुई दूसरी लहर को तुरंत रोकना होगा। इसके लिए हमें त्वरित और निर्णायक कदम उठाने होंगे।
देश के 70 ज़िलों में तो पिछले कुछ हफ़्तों में ये वृद्धि 150% से भी ज़्यादा है। अगर हम इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोकेंगे तो देशव्यापी आउटब्रेक की स्थिति बन सकती है। हमें जल्दी और निर्णायक कदम उठाने होंगे: प्रधानमंत्री #COVID19 https://t.co/BmX4UXcqmp
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है। ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं। हर संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट को कम से कम समय में ट्रैक करना और आरटी-पीसीआर टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है।
कई राज्यों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग पर ही ज़्यादा बल दिया जा रहा है और उसी भरोसे गाड़ी चल रही है, जैसे केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी। हमें देश के सभी राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने पर जोर देना होगा: प्रधानमंत्री pic.twitter.com/QULgWAIfto
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बता दें कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में बढ़ते संक्रमण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के कई शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने संक्रमण को देखते हुए पुणे, नागपुर और औरंगाबाद ने नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। गुजरात सरकार ने भी अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट में नाइट कर्फ्यू की घोषणा की है। वहीं, मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने भोपाल और इंदौर शहर में नाइट कर्फ्यू लागू किया है।
एक तरफ महामारी ने हमें दिखाया कि कैसे प्रभाव दुनिया में तेजी से फैल सकता है और दूसरी तरफ यह दिखाया है कि दुनिया एक आम खतरे से लड़ने के लिए कैसे एक साथ आ सकती है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी https://t.co/mhhOWPDRhA
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