तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं एमके स्टालिन, स्टालिन साहब DMK के प्रमुख है, और ताजा-ताजा चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि इन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए चेतावनी वाले लहजे में बयान जारी किया हैं. DMK के चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर बयान दिया की दक्षिण भारत के राज्यों ने बीजेपी के 400 पार के सपने को चकनाचूर कर दिया है, इसलिए अब ये राज्य उनकी उपेक्षा झेल रहे हैं. स्टालिन ने आगे कहा, “चुनाव खत्म हो गया है, अब हमें देश के बारे में सोचना है. बजट 2024 आपकी हुकूमत बचा लेगा… लेकिन देश नहीं बचाएगा. निष्पक्ष होकर सरकार चलाइए वरना अलग-थलग पड़ जाओगे.”
स्टालिन ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा
उन लोगों के प्रति अब भी प्रतिशोध मत रखिए जिन्होंने आपको हराया. यदि आप अपनी राजनीतिक पसंद और नापसंद के अनुसार शासन करेंगे तो आप अलग-थलग पड़ जाएंगे.” अब समझने-समझाने वाली बात ये हैं कि अगर मोदी को विपक्ष ने हराया होता तो वो तीसरी बार प्रधानमंत्री नहीं बन पाते, मोदी सरकार बजट पेश नहीं कर पाती. लेकिन इस सबके बावजूद विपक्ष के नेताओं को ये गलतफहमी है कि उन्होने मोदी को हरा दिया है.
उदयनिधी स्टालिन की बात करें तो वो बड़े वाले सनातन विरोधी है
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन में हैं इसलिए NDA का विरोध उनका राजनीतिक धर्म हैं लेकिन उनके बेटे उदयनिधी स्टालिन की बात करें तो वो बड़े वाले सनातन विरोधी है. बीते साल उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में सनातन उन्मूलन सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इसृन साहब ने सम्मेलन के शीर्षक की तारीफ करते हुए कहा था कि आयोजनकर्ताओं ने ‘सनातन विरोधी सम्मेलन’ के बजाए ‘सनातन उन्मूलन सम्मेलन’ शब्द का इस्तेमाल किया जो कि बहुत अच्छा है. उदय निधी ने कहा कि, ‘कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिनका महज विरोध ही काफी नहीं होता, हमें उन्हें जड़ से मिटाना होगा. मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना, ये ऐसी चीजें हैं जिनका हम केवल विरोध नहीं कर सकते बल्कि हमें उन्हें मिटाना होगा. सनातन भी ऐसा ही है.’ अब तो आपको साफ हो गया होगा कि ये परिवार किस सोट के साथ राजनीति करता है. दरअसल इनकी राजनीति की जड़ में हिन्दुत्व का विरोध दिखाई देता है. और ये सबसे बड़ी वजह है कि ये मोदी विरोधी है.