देश में लोगों कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि भारत में शनिवार तक कोरोनोवायरस टीकों की 10 मिलियन से अधिक खुराक लोगों को दी जा चुकी है। इनमें से 7,226,653 टीके स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगाए जा चुका हैं।
अपने रोजाना की ब्रीफिंग में मंत्रालय ने कहा कि पहले चरण में 6,352,713 लाभार्थियों का टीकाकरण किया गया, जबकि दूसरे चरण में यह आंकड़ा 873,940 तक पहुंच गया था और 20 फरवरी की शाम 6 बजे तक कुल 10,838,323 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए 20 फरवरी तक कुल 3,611,670 लोगों का टीकाकरण किया गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद, भारत कोरोना के टीकाकरण के मामले में तीसरे स्थान पर है।
आपको बता दें कि देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और तब से देश में यह प्रक्रिया दुनिया में सबसे तेज गति से चल रही है। 13 फरवरी को कोविड-19 टीकाकरण की दूसरी खुराक उन लाभार्थियों के लिए शुरू हुई, जिन्होंने पहली खुराक प्राप्त करने के 28 दिन पूरे कर लिए थे। वहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था।
भारत के ड्रग्स नियामक निकाय ने दो टीकों को मंजूरी दी है। इनमें से पहली वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित और एस्ट्राजेनेका एवं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित ‘कोविशिल्ड’ है। वहीं दूसरी हैदराबाद के भारत बायोटेक द्वारा विकसित और इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च (ICMR) एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से बनी ‘कोवैक्सीन’ है।
इसी बीच केरल और महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में हफ्ते भर में कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इनमें से कुछ जगहों पर रोजाना संक्रमण के मामलों में एक साथ तेजी देखने को मिली है। वहीं मामलों में यह वृद्धि वायरस में नए म्यूटेशन के डर को भी बढ़ा रही है। बताया जा रहा है कि करेल और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब और मध्य प्रदेश में भी कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं।