विशेष POCSO अदालत ने बुधवार को एक 50 वर्षीय व्यक्ति को एक टैक्सी में 10 साल की लड़की का यौन उत्पीड़न करने का दोषी ठहराया। बताया जा रहा है की मामला 2018 का है और नाबालिग की मां द्वारा पुलिस के ध्यान में लाया गया था।
बता दें,अपनी शिकायत में,पीड़ीता की माँ ने कहा कि वह 25 मार्च, 2018 को नवी मुंबई के पनवेल में अपने बीमार ससुर से मिलने के लिए गई थी। अपनी भाभी और दो बेटियों के साथ, शिकायतकर्ता CSMT के साथ एक लोकल ट्रेन में सवार हुई। लेकिन मरम्मत कार्य के लिए ट्रेन नेरुल रुकी हुई थी।
यह तब की बात है जब परिवार ने अपनी यात्रा खत्म करने और घर लौटने का फैसला किया। उन्होंने CSMT से एक टैक्सी ली और शिकायतकर्ता के एक अन्य रिश्तेदार से मिले।
तीनों महिलाएं टैक्सी में पीछे बैठीं, जबकि शिकायतकर्ता की 12 वर्षीय बेटी ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठी थी। एक आदमी फिर CSMT और कोलाबा के बीच टैक्सी में सवार हुआ।
सूत्रों के मुताबिक यात्री ने नाबालिग लड़की को अपनी गोद में बिठाया। जब परिवार कोलाबा पहुंचा, तो 12 वर्षीय ने अपनी मां से कहा कि पुरुष यात्री अनुचित तरीके से उसके निजी अंगों को छू रहा था।
अदासत में शिकायतकर्ता के अनुसार गीता शर्मा ने कहा कि नाबालिग लड़की के पास अजनबी को फंसाने का कोई कारण नहीं था। दूसरी ओर,बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि अगर आरोपी ने उसे अनुचित तरीके से छुआ होता तो लड़की तुरंत अपनी मां को सूचित करती।
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि बचाव पक्ष द्वारा उल्लिखित चूक और विरोधाभास इतने तल्ख, नगण्य और क्षुद्र थे कि इसे किसी चर्चा की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने यह भी महसूस किया कि टैक्सी चालक को ट्रैक करने में पुलिस की विफलता एक झटका थी, लेकिन यह अभियोजन पक्ष के मामले में केवल एक कड़ी कार्रवाई थी। जिसके बाद आरोपी को मामले में 5 साल की कैद की सजा सुनाई।