DESK : शराब कारोबार में सुधार और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से पिछले साल दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर शुक्रवार को सीबीआई की छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ‘आप’ सरकार की आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने को लेकर इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर सकता है।
माना जा रहा है कि संघीय एजेंसी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत औपचारिक मामला दर्ज करने से पहले सीबीआई केस की डिटेल, विभिन्न सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों की संलिप्तता और प्रक्रिया में उत्पन्न अवैध धन के संभावित निशान तलाशने की जांच कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दिल्ली आबकारी नीति के वापस होने के बावजूद नेताओं और अधिकारियों पर जांच की तलवार लटकती हुई दिखाई दे रही है।
मुख्य सचिव द्वारा दी गई एक रिपोर्ट में कथित तौर पर अनियमतताओं का उल्लेख किए जाने के बाद उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच का आदेश दिया था जिसके बाद पिछले महीने इस नीति को वापस ले लिया गया। सतर्कता आयोग की एक अन्य रिपोर्ट में भी इस नीति के 17 नवंबर 2021 से क्रियान्वयन के साथ ही शहर में शराब की 849 दुकानों को लाइसेंस जारी करने में आबकारी अधिकारियों की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया गया था।
इसके बाद उपराज्यपाल ने दिल्ली आबकारी विभाग के 11 अधिकारियों के निलंबन का सुझाव दिया था जिनमें पूर्व आबकारी आयुक्त और आईएएस अधिकारी ए जी कृष्ण भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि अब तक नौ अधिकारियों को निलंबित किया गया है जबकि कृष्ण और विभाग के एक उपायुक्त के निलंबन का आदेश मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया है।