DESK : देश में अब पत्नी की अन्य महिलाओं से तुलना करना या फिर पति द्वारा बार-बार किसी बात पर ताने मारना अब मानसिक क्रूरता माना जाएगा। दरअसल, केरल हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। दरअसल, एक आदमी द्वारा फैमिली कोर्ट में तलाक की अरजी देने पर हाई कोर्ट ने यह ऐताहिसक फैसला सुनाया।
पीड़ित महिला ने तलाक की याचिका दी थी, जिसमें क्रूरता का जिक्र किया गया था। जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस सीएस सुधा की बेंच ने इसकी सुनवाई की। हाई कोर्ट ने कहा कि लगातार पति द्वारा ये ताना मारना कि उसकी पत्नी उसकी उम्मीदों के मुताबिक नहीं है यह मानसिक क्रूरता मानी जाएगी।
महिला ने अपनी याचिका में कहा था कि वह उसे लगातार ये कहकर प्रताड़ित करता था कि वो उसकी उम्मीद के मुताबिक नहीं है और क्यूट नहीं है। अन्य महिलाओं से तुलना करने पर वो निराश होती थी। इस पर कोर्ट ने मध्यस्ता के लिए भेजकर दोनों को साथ लाने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए।
वहीं, कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक देने के फैसले को बदलने से इनकार कर दिया। बता दें कि दोनों की शादी जनवरी 2019 में हुई थी और महिला ने 10 महीने के अंदर ही तलाकी की याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने कहा कि लगातार दुर्व्यवहार, वैवाहिक संभोग की समाप्ति, पति की उदासीनता और पत्नी के बदचलन होने का दावा, ये सभी मानसिक या कानूनी क्रूरता का कारण माने जाएंगे। शारीरिक क्रूरता में प्रत्यक्ष साक्ष्य हो सकते हैं, लेकिन मानसिक क्रूरता के मामले में ऐसा नहीं होता है।