नई दिल्ली। नेपाल को चीन का साथ भारी पड़ता जा रहा है। नेपाल के राजनीतिक संकट को सुलझाने के नाम पर चीन द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप से काठमांडू में चीन विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। रविवार को बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर चीन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों के हाथों मे चीन के खिलाफ बैनर और पोस्टर भी थे। इन पोस्टरों में चीनी हस्तक्षेप बंद करने के साथ ही चीन द्वारा कब्जा की गई जमीन वापस लौटाने की मांग भी की गई।
बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के खास दूत गूओ येझोउ काडमांडू में हैं। वह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों विरोधी गुट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के बीच सुलह करवाने का प्रयास करेंगे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शीर्ष दल रविवार को काठमांडू पहुंच चुका है। इसका मकसद प्रचंड और ओली के बीच सुलह कराकर किसी भी कीमत पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में फूट को रोकना है। नेपाल के एक निजी अखबार से मिली जानकारी की मानें तो सत्तारूढ़ एनसीपी से जुड़े लोगों ने चीन के प्रतिनिधिमंडल के आने की पुष्टि की है।