AARYAA NEWS DESK : भारतीय वायुसेना ने पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर, सीमा के करीब जोधपुर में तैनात किए जाएंगे और सोमवार को एक सैन्य समारोह में रक्षा मंत्री खुद एलसीएच वायुसेना को सौपेंगे.देश की एयर-पावर और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में 3 अक्टूबर यानी आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है.
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने इसी साल मार्च में 15 स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने को मंजूरी दी गई थी. 3387 करोड़ मे ये हेलीकॉप्टर एचएएल से खरीदे गए हैं. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए हैं और 05 भारतीय सेना (थलसेना) के लिए.
वायुसेना से पहले थलसेना ने स्वदेशी कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, एलसीएच को अपने जखीरे का हिस्सा बना लिया है. गुरूवार को भारतीय सेना ने बताया कि एचएएल ने दो लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, एलसीएच एविएशन कोर को सौंप दिए हैं. एलसीएच देश का पहला अटैक हेलीकॉप्टर है जिसे सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने तैयार किया है.
क्या हैं एलसीएच की खूबियां?
- लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन है, जिसके चलते ये बेहद हल्का है जबकि अमेरिका से लिए गए अपाचे हेलीकॉप्टर का वजन करीब 10 टन है. वजन कम होने के चलते एलसीएच हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है.
- एलसीएच अटैक हेलीकॉप्टर में फ्रांस से खास तौर से ली गई ‘मिस्ट्रल’ एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल से लैस है.
- एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं.
- इसके अलावा एलसीएच की नोज़ यानि फ्रंट में एक 20एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है.
- पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिसपिले हो जाते हैं.
- एलसीएच स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर को करगिल युद्ध के बाद से ही भारत ने तैयार करने का मन बना लिया था. क्योंकि उस वक्त भारत के पास ऐसा अटैक हेलीकॉप्टर नहीं था जो 15-16 हजार फीट की उंचाई पर जाकर दुश्मन के बंकर्स को तबाह कर सके. इस प्रोजेक्ट को 2006 में मंजूरी दी गई.
- पिछले 15 सालों की कड़ी मेहनत के बाद जाकर ये लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर तैयार हुआ है
अपाचे और एलसीएच में क्या है खास अंतर?
भारत ने भले ही हाल में अमेरिका से बेहद ही एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे खरीदे हों लेकिन करगिल और सियाचिन की चोटियों पर अपाचे को भी टेक ऑफ और लैंडिंग में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बेहद लाइट यानि हल्का होने और खास रोटर्स होने के चलते एलसीएच इतनी उंची चोटियों पर भी अपने मिशन को अंजाम दे सकता है.