DESK : महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे की मेहनत से तैयार की गई शिवसेना अब दो हिस्से में अधिकारिक रूप से बंट गई है। उद्धव और शिंदे गुट के बीच शिवसेना के नाम और निशान को लेकर जारी खींचतान पर चुनाव आयोग का फैसला आ गया है। चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और शिंदे गुट को बालासाहेबची शिवसेना यानी बाला साहेब की शिवसेना नाम दिया है।
उद्धव गुट को चुनाव आयोग ने पार्टी का नया चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिया है। अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का निशान मशाल होगा। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे के करीबी भास्कर जाधव ने कहा, ‘हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं – उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे, इन सभी को नए नाम में रखा गया है। भास्कर जाधव ने कहा कि इस बड़ी जीत पर हम खुश हैं।
वहीं शिंदे गुट ने त्रिशूल, गदा और उगता सूरज के तीन चिन्ह ऑप्शन के तौर पर दिये थे, जिन्हें आयोग ने खारिज कर दिया है और शिंदे गुट से चुनाव चिन्ह के लिए फिर से नये विकल्प देने को कहा है। अब अंधेरी ईस्ट उपचुनाव के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का सिंबल मशाल होगा। मुंबई की अंधेरी ईस्ट चुनाव में उद्धव गुट अब इस नये नाम और निशान से चुनाव प्रचार में उतरेगा।
चुनाव आयोग की ओर से शिंदे गुट को नाम आवंटित होने का बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, “आखिरकार बालासाहेब ठाकरे के मजबूत हिंदुत्ववादी विचारों की जीत हुई। हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं।” भारत के चुनाव आयोग ने आज शिवसेना के शिंदे गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम आवंटित किया।
एकनाथ शिंदे गुट के नेता और कैबिनेट मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि हमें बालासाहेब ठाकरे का नाम मिला है। ऊद्धव ठाकरे ने अपने नाम से पार्टी बनाई, हमारी बालासाहेब की शिवसेना है। ऊद्धव ठाकरे की उनके नाम से उद्वव ठाकरे शिवसेना। उद्वव ठाकरे के नाम में बालासाहेब है पर वो तो उनका नाम ही है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने खुद के नाम से नहीं बल्कि बालासाहेब के नाम से पार्टी बनाई। हम बालासाहेब के सच्चे और असली वारिस हैं। हमारी शिवसेना असली है। बालासाहेब का नाम हमारे साथ है तो उसका हमें फायदा जरूर होगा।