उत्तर प्रदेश में तकरार रार और सियासी वार पलटवार का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा अभी तक संगठन और सरकार के बीच अदावत नजर आ रही थी तलवारें खिंची नजर आ रही थी केशव प्रसाद मौर्य कह रहे थे कि संगठन सरकार से बड़ा है लेकिन अब उत्तर प्रदेश की सरकार में ही उठापटक मच गई है उत्तर प्रदेश में किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष जिनको राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था सोनम किन्नर ने अपना इस्तीफा दे दिया है लेकिन इस्तीफा देने के साथ-साथ उन्होंने जो खुलासे किए हैं जिस तरह का बयान दिया है वो बेहद चौकाने वाला है सोनम किन्नर ने बाकायदा एक चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा दिया है उन्होंने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं ब्यूरोक्रेसी पर मनमानी करने के आरोप लगाए हैं और यहां तक कह दिया है कि उनको काम नहीं करने दिया जा रहा था सबसे पहले मैं सोनम किन्नर की वो चिट्ठी आप को बताते है जिसे प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेजी है और उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि ‘मैं सोनम चिश्ती उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री किन्नर कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश सरकार जवाहर भवन प्रथम तल मैं लखनऊ वर्तमान में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार और प्रदर्शन प्रदर्शन से आहत होकर हार की जिम्मेदारी लेती हूं और मैं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहते हुए जनता के बीच भाजपा को मजबूत करने में असफल रही हूं इस कारण मैं व्यथित होकर सरकारी पद से त्यागपत्र दे रही हूं और मैं संगठन के काम को निष्ठा पूर्वक करना चाहती हूं में आशा करूंगी मेरा त्यागपत्र स्वीकार करने की कृपा करें यह वह चिट्ठी है जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी है लेकिन पत्रकारों के बीच में सोनम किन्नर ने जिस तरह के खुलासे किए हैं पत्रकारों के बीच में सोनम किन्नर ने जो बातें कही हैं जिस तरह से उन्होंने तमाम बातों का खुलासा किया है वह बेहद चौकाने वाला सोनम किन्नर का कहना है कि उनको काम नहीं करने दिया जा रहा था उनके विभाग के पास बजट नहीं था अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे थे और अगर सोनम किन्नर कोई आपत्ति दर्ज कराती थी तो उनको डराया जाता था मुकदमों का डर दिखाया जाता था।
सोनम किन्नर का यह कहना है कि उनको सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में नियुक्ति मिली थी उन्होंने कई बार अधिकारियों से शिकायत की कई बार सरकार से भी शिकायत की लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई अब जिस तरह से उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार के बीच लड़ाई चल रही है उसके बीच में एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का इस्तीफा देना सत्ता के पद को त्याग देना सरकार से अलग हो जाना तमाम सुविधाओं को भी छोड़ देना यह कई बड़े सवाल खड़े करता है क्या सोनम किन्नर के आरोपों में सच्चाई है क्या सोनम किन्नर जो कह रही हैं कि अधिकारी बात नहीं सुनते काम नहीं करने देते क्या उनके बयानों में किसी तरह की सच्चाई है और अगर सच्चाई है तो क्या इसकी जांच उत्तर प्रदेश की सरकार करवाएगी आपको याद होगा कुछ दिनों पहले बीजेपी के विधायक है रत्नाकर मिश्रा मिर्जापुर से विधायक हैं उन्होंने भी एक बयान दिया था और अपने बयान में उन्होंने अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए थे यानी उत्तर प्रदेश में जो कुछ चल रहा है पूरे देश में चुनाव हुआ कई जगह भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा केंद्र में बहुमत की सरकार नहीं आई लेकिन उत्तर प्रदेश का दर्द कुछ ऐसा है जो अभी तक भूला नहीं जा रहा अयोध्या का दर्द कुछ ऐसा है जो भुलाए नहीं भूल रहा और अब आप देखिए कि पिछले कुछ वर्षों में जहां भारतीय जनता पार्टी में उत्तर प्रदेश में कोई नेता चू तक नहीं करता था बोलता तक नहीं था अब बयानों का चिट्ठियां लिखने का सिलसिला सा चल पड़ा है और यह सिर्फ बीजेपी में नहीं है बीजेपी के तमाम सहयोगी दल वो सहयोगी दल जो सत्ता के भागीदार हैं वह भी सरकार की कार्यशैली पर फैसलों पर सवाल खड़े कर रहे हैं अब आखिर उत्तर प्रदेश में चल क्या रहा है जिसे देख कर लग रहा है की 2027 की डगर बड़ी मुश्किल हो जाएगी