रसोई गैस और पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी से बिहार में उबला विपक्ष

बिहार। शतक की ओर बढ़ रहे पेट्रोल की कीमत और रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी करने से पूरा विपक्ष उबल पड़ा है। बिहार में विपक्षी दलों के नेताओं ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमत को लेकर केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार को घेरा। नेताओं ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को जनविरोधी बताते हुए इसे एनडीए सरकार की गलत नीतियों का परिणाम बताया।

कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने पेट्रोल,डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को जन विरोधी बताया।  उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है और आमजनों, गरीबों-किसानों-मजदूरों तथा ट्रांसपोर्टरों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम है।

इसके बावजूद पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतों में लागातार हो रही वृद्धि केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है। वहीं सरकारी खजाने को भरने और तेल कंपनियों को बेशुमार लाभ प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार तथा बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि उसके द्वारा लिए जा रहे एक्साइज ड्यूटी और वैट के कारण आम जनता को लगभग क्रमशः पेट्रोल 45 रुपये तथा डीजल 43.50 रुपये प्रति लीटर महंगा खरीदना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया की कांग्रेस सरकार के समय 2014 मई माह में कच्चे तेल की कीमत 116 डॉलर प्रति बैरेल थी और पेट्रोल 74 रुपये तथा डीजल 57 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था उस तुलना में आज कच्चे तेल की कीमत आधी से भी कम होने के बावजूद पेट्रोल 91.12 पैसे तथा डीजल 84.57 रुपये प्रति लीटर क्यों बिक रहा है, बिहार में यह भाजपा-जदयू सरकार को बताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय रसोई गैस 414 रुपये प्रति सिलेंडर था जो आज 867 रुपये तक पहुंच गया है जो दोगुनी से भी ज्यादा है। उन्होंने  मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री से मांग की कि पेट्रोल डीजल पर लिए जाने वाले टैक्स और वैट में कटौती कर आम जनता को सस्ते दर पर पेट्रोल डीजल उपलब्ध कराएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *