DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के एक ऐसे जन-आंदोलन की चर्चा करना चाहता हूं जिसका देश के हर नागरिक के जीवन में बहुत महत्व है।
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पीएम मोदी ने कहा कि बरसों पहले जून 1975 में देश में इमरजेंसी लगा दी गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज के युवाओं को यह बताना चाहता हूं कि आपके माता-पिता के जीने का अधिकार छीन लिया गया था। उसमें से एक अधिकार, संविधान के Article 21 के तहत सभी भारतीयों को मिला ‘Right to Life and Personal Liberty’ भी था।
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पीएम मोदी ने कहा कि आज, जब देश अपनी आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो आपातकाल के उस भयावह दौर को भी हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए, आने वाली पीढ़ियों को इसे याद रखना चाहिए। पीएम मोदी ने इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। Censorship की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था।