विश्व भारती शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी, गुरुदेव ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1921 में स्थापित विश्व भारती बीरभूम जिले में बोलपुर शहर के पास शांति निकेतन में स्थित सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है। मई 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्व भारती को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान घोषित किया गया था।
 इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। भारत पूरे विश्व में इकलौता बड़ा देश है जो पेरिस अकॉर्ड के पर्यावरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का सार है।आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है।
प्रधानमंत्री ने कहा, गुरुदेव ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था। वो हमारे गांवों, कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। वो वाणिज्य, व्यापार, कला, साहित्य को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। उन्होंने कहा, भारत की आत्मा, भारत की आत्मनिर्भरता और भारत का आत्मसम्मान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारत के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए तो बंगाल की पीढ़ियों ने खुद को खपा दिया था।

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