प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वह बजट सत्र को लेकर सरकार के विधायी एजेंडे को बैठक में रखेंगे। हर बार बजट सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक होती है। लेकिन इस बार बजट सत्र शुरू होने के बाद यह बैठक हो रही है। आमतौर पर इस तरह की सर्वदलीय बैठक दोनों सदनों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए संसदीय सत्रों से पहले आयोजित की जाती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों के संबोधन के साथ ही बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। कांग्रेस समेत कुल 18 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए तीनों नए कृषि कानूनों का पुरजोर बचाव किया। उन्होंने नए कानूनों को कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए जरूरी करार दिया। साथ ही किसान संगठनों के एतराज को देखते हुए इन कानूनों पर अमल रोकने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का भरोसा भी दिया। राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस के दिन टैक्ट्रर रैली के दौरान लाल किले पर हुड़दंग व तिरंगे के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी आलोचना भी की।
कोरोना महामारी के चलते सर्वदलीय वैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी। संभावना है कि विपक्षी दल कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर बहस कराने की मांग करें। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने इसी तरह की मांग की थी। सरकार ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसानों के आंदोलन के मुद्दे को उठाया जा सकता है। लोकसभा में दो, तीन और चार फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।