पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही गोकशी करने वाले दोनो मुजरिमों का किया पर्दा पास

Madhya Pradesh : शाहगढ़ पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही गौ कसी करने वाले दोनो मुजरिमों का किया पर्दा पास फिलहाल पुलिस ने दोनो आरोपियों जाकिर खान और भूरे खान को गिरफ्तार कर गौ वंश वध प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4,5और 9 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 के तहत मामला दर्ज पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।

 

शाहगढ़ थाना से बड़ी खबर आ रही है जहा शाहगढ़ थाना पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही गौ कसी करने वाले दोनो आरोपियों को धर दबोचा मिली जानकारी अनुसार बीते तीस तारीख को पाठनवाली घाटी के पास कुछ युवकों ने गौवंश के काटे जाने के साक्ष्य देखे युवकों ने देखा कि गौ वंश की पूंछ कुछ मांस के टुकड़े पड़े है तत्काल खबर जंगल में आग की तरह फेल गई बजरंग दल संयोजक सचिन भल्ला ने तत्काल मामला संज्ञान में लेते हुए पुलिस को सूचना दी और पुलिस के साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता घटना स्थल पहुंचे जहा गौ वंश के साक्ष्य पाए गए।मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ था पूरे शाहगढ़ नगर में आक्रोश जाग चुका था हर एक व्यक्ति अपने गुस्से को काबू किए हुए केबल इंतजार कर रहा था पुलिस कार्यवाही का।शाहगढ़ थाना प्रभारी अर्चना सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल तेजी से एक्शन लिया और पूरी ताकत से आरोपियों की तलास में लग गई।

पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही गौ कसी करने वाले दोनो आरोपियों को धर दबोचा

सूत्रों और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तत्काल दो संदेहियो जाकिर खान और भूरे खान की धर पकड़ की गई और सकती से पूछताछ की गई जिसमे आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया।आरोपियों ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने पथानबली के पीछे घूम रहे बैल को पकड़ा और धार दार हथियार से बड़ी निर्दयता पूर्वक छोटे छोटे टुकड़ों में काट दिया और बोरे में भर कर घर ले जा रहे थे तभी कुछ स्थानीय लोगो ने उनको रोकने का प्रयास किया और आरोपियों ने बैल के मांस के टुकड़ों को लांच नदी के तेज वहाब में फेंक दिया।
फिलहाल पुलिस ने दोनो आरोपियों जाकिर खान और भूरे खान को गिरफ्तार कर गौ वंश वध प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4,5और 9 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 के तहत मामला दर्ज पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।

 राक्षसी प्रवृत्ति के ऐसे जल्लादो को क्या समाज में रहने के कोई हक

लेकिन प्रश्न यह उठता है मानवता को शर्मशार करने वाले ऐसे हत्यारो को समाज में क्या स्थान दिया जाए। प्रश्न यह उठता है राक्षसी प्रवृत्ति के ऐसे जल्लादो को क्या समाज में रहने के कोई हक है जो अपनी भूख शांत करने के लिए ऐसे मूक पशुओं को मौत के घाट उतार देते है पहले भी क्षेत्र में ऐसी घटनाएं संज्ञान में आ चुकी है आखिर ऐसी घटनाओं को रोका कैसे जाए प्रश्न बहुत सारे है लेकिन उत्तर किसी के पास नही।फिलहाल शाहगढ़ में ये चर्चा का विषय है ऐसे हत्यारो का जुलूस निकाल कर गधे पर बिठा कर मुंह काला कर जूते की माला पहना कर सार्वजनिक तौर पर सजा देनी चाहिए। लेकिन प्रशासन के हाथ कानून के कारण बंधे हुए है।पूरे छेत्र में एक ही मांग है ऐसे वैसी दरिंदो को सिर्फ और सिर्फ फांसी की सजा देनी चाहिए।

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