DESK: बिहार में हो रही जातीय जनगणना का देश की राजनीति पर असर जरूर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनाव से साल भर पहले नीतीश कुमार की यह पहल कितना रंग लाएगी। बता दें कि बिहार सरकार ने इसी साल 2 जून को जातिगत सर्वेक्षण को मंज़ूरी दी थी। इस सर्वेक्षण में 12.7 करोड़ जनसंख्या, 2.58 करोड़ घरों को कवर किया जाएगा जो 31 मई को पूरा होगा।
नीतीश कुमार अपने ट्वीटर हैंडल से कहा….
बताते चलें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, “जाति आधारित गणना लोगों की तरक्की और उनके आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। जाति आधारित गणना शुरू हो गई है। सभी जाति-धर्म के लोगों की स्थिति अच्छी होगी तभी राज्य आगे बढ़ेगा। सभी राज्य विकसित होंगे तभी देश विकसित होगा।”
OBC पर राजनीति कर वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश
2024 में होने वाले आम चुनाव से साल भर पहले नीतीश कुमार की यह पहल OBC वोटों को प्रभावित करने की कोशिश मानी जा रही है। पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में अलग-अलग स्वरूप में OBC पर राजनीति तेज हो चुकी है। यही वजह है कि केंद्र की BJP सरकार पहले से ही दबाव में हैं। झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा में जातिगत जनगणना के लिए विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है।
बीजेपी ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना
बीजेपी नेता विजय सिंगला ने बिहार में हो रही जातिगत जनगणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज 75 साल की आजादी में अब तक जातिगत जनगणना की बात क्यों नहीं हुई थी? इसके साथ उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर खड़ा होकर कहा कि उन्होंने जातीय उन्माद फैलाकर नरसंहार कराया है और नीतीश कुमार भी उसी नक्शे कदम पर चल रहे हैं।
केंद्र सभी राज्यों को आगे बढ़ाएं : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा के दौरान यह कहा कि केंद्र सरकार की यह जिम्मेवारी है कि वह सभी राज्यों को आगे बढ़ाए। जब कुछ राज्य अविकसित रहेंगे तो देश कैसे विकसित होगा? सभी राज्यों को मिलकर ही देश बना है। इसलिए केंद्र को सभी राज्यों पर ध्यान देना चाहिए।