रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को राज्यसभा में चीन सीमा विवाद और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति पर जानकारी दी। रक्षामंत्री ने कहा भारत और चीन अग्रिम मोर्चे पर तैनाती को चरणबद्ध तरीके हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों पर अभी समाधान बाकी है। भारत और चीन की सेना पैंगोग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पीछे हटने को सहमत है। भारत अपनी सेनाओं को स्थाई आधार फिंगर 3 पर रखने को तैयार है।
चीन जहां उत्तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में जाएगा, वहीं भारतीय फिंगर 3 के पास स्थित मेजर धान सिंह थापा पोस्ट (परमानेंट बेस) पर रहेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील में डिसइंगेजमेंट पूरा होने के बाद दोनों सेनाओं के बीच फिर बात होगी। राज्यसभा में उन्होंने जानकारी दी कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट पर डिसइंगेजमेंट का समझौता हो गया है।
चीन इस बात पर भी सहमत हुआ है कि पूर्ण डिसइंगेजमेंट के 48 घंटों के भीतर सीनियर कमांडर लेवल की बातचीत हो और आगे की कार्यवाही पर चर्चा हो। रक्षा मंत्रीन ने बताया कि पैंगोंग झील को लेकर हुए समझौते के मुताबिक चीन अपनी सेना को फिंगर 8 से पूर्व की ओर रखेगा। इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकड़ियों को फिंगर 3 के पास अपने परमानेंट बेस पर रखेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों को चिन्हित कर हमारी सेनाएं वहां मौजूद हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के ऊपर भारत का ‘एज’ बना हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री और डिप्लोमेटिक लेवल पर हमारी बातचीत हुई है। हमने तीन सिद्धांतों पर जोर दिया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों तरफ से कोशिश करने पर ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा विवाद भी ऐसे ही सुलझाया जा सकता है।” सिंह ने कहा कि सीमा पर चीन ने जो कदम उठाए हैं, उससे भारत-चीन के संबंधों पर भी असर पड़ा है।