तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का नेतृत्व करने वाले राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को संसद भवन परिसर में खेती करने का सुझाव दिया है। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को दबाए बैठी है और सोचती है कि बहुत ज्यादा एमएसपी दिया जा रहा है। आखिर सरकार संसद भवन परिवर में एग्रिकल्चर रिसर्च सेंटर की स्थापना क्यों नहीं करती है। राकेश टिकैत ने कहा, ‘सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को दबाए बैठी है। उसे लगता है कि बहुत ज्यादा एमएसपी दिया जा रहा है। आखिर वह संसद भवन परिसर में एग्रिकल्चर रिसर्च सेंटर की स्थापना क्यों नहीं करती है। संसद भवन परिसर में ही फसलें उगाओ और फिर कटने के बाद उसके फायदे और मुनाफे के आधार पर एमएसपी तय कर लो।’
इससे पहले मंगलवार को राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर सरकार हमें नहीं सुनती है तो हम 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ देशव्यापाी ट्रैक्टर रैली करेंगे।’ इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा नारा है, ”कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं।” उन्होंने आगे बताया कि यह आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होगा, बल्कि अक्टूबर तक चलेगा।
यही नहीं राकेश टिकैत ने सरकार से दोबारा बातचीत को लेकर भी शर्त जोड़ दी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘कृषि कानूनों पर सरकार से बातचीत के सवाल पर राकेश टिकैत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पुलिस-प्रशासन द्वारा उत्पीड़न बंद नहीं होगा और गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहायी नहीं होगी, तब तक सरकार से नए कृषि कानूनों पर कोई बातचीत नहीं होगी।’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों का क्रियान्वयन डेढ़ साल के लिए स्थगित करने का सरकार का प्रस्ताव बरकार है। एक फोन कॉल पर केंद्रीय मंत्री किसान संगठनों से बैठक का समय व स्थान तय कर देंगे। सरकार व किसान संगठनों के बीच अंतिम बैठक गत 22 जनवरी को हुई थी।