पटना। बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को पटना स्थित अपने विभागीय कार्यालय में प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक समेत लगभग 3 हजार पदों पर नियमित नियुक्ति होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत सात अभियंत्रण महाविद्यालय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित विश्वबैंक सम्पोषित परियोजना ‘‘तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम-तृतीय चरण (Technical Quality Improvement Program Phase 111) के अन्तर्गत राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन एक (NPIU) द्वारा चयनित एवं अस्थायी ईंगेजमेंट के रूप में नियोजित सहायक प्राध्यापकों की सेवा को प्राप्त करने के लिए परियोजना समाप्ति की तिथि 31.03.2021 के पश्चात पूर्व से जारी शर्त्त के अधीन दिनांक 01.04.2021 से 31.03.2022 तक अथवा अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए सहायक प्राध्यापक के स्वीकृत पद पर नियमित नियुक्ति होने तक, जो भी पहले हो, राज्य योजना के अधीन परियोजना की अवधि विस्तार किये जाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
इस योजना के तहत चयनित राज्य के 7 (सात) अभियंत्रण महाविद्यालयों यथा एम॰आई॰टी॰ मुजफ्फरपुर, बी॰सी॰ई॰ भागलपुर, मोतिहारी अभियंत्रण महाविद्यालय, दरभंगा अभियंत्रण महाविद्यालय, गया अभियंत्रण महाविद्यालय, नालन्दा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, चण्डी एवं लोकनायक जयप्रकाष प्रौद्योगिकी संस्थान, छपरा में नियमित नियुक्तियां की जाएंगी।
मंत्री ने कहा कि ‘‘तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन कार्यक्रम’’ परियोजना का मुख्य उद्देश्य है-संस्थानों के प्रयोगशाला, कार्यशाला, पुस्तकालय आदि का आधुनिकीकरण किया जाना, संस्थानों की गुणवत्ता को वैश्विक स्तर पर लाये जाने के लिए संचालित पाठ्यक्रमों का अनिवार्य एक्रेडिटेशन नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन से कराया जाना ताकि एक्रेडिटेशन के पश्चात संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा सके।