आम आदमी पार्टी का शटर डाउन? चार्टशीट मे बनी आरोपी नंबर 38

12 साल पहले एक आंदोलन की गोद से निकली पार्टी का भविष्य खतरें में दिखाई दे रहा है. भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट हुए लोगों ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन किया. लेकिन आज वहीं अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. ये आरोप इसते गंभीर हैं कि अब आम आदमी पार्टी देश की पहली पॉलिटिकल पार्टी बन गई है जिसका नाम चार्जशीट में लिखा गया है.

ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शराब धोटाले की वजह से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मान्यता ही खत्म हो सकती है. 2022 में दिल्ली शराब नीति को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा था कि क्या पूरी आम आदमी पार्टी इस मामले में दोषी है. अगर ऐसा है तो आपने अब तक AAP को आरोपी क्यों नहीं बनाया है. इस पर ED की ओर से कहा गया था कि आगे जल्द ही हम AAP को आरोपी बनाने की सोच रहे हैं. और अब आम आदमी पार्टी का नाम चार्जशीट में दाखिल किया जा चुका है.

ED की इस कार्यवाही के बाद अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल वक्त शुरु हो चुका है. सवाल तो ये भी खड़ा हो गया है कि क्या आम आदमी पार्टी की मान्यता रहेगी या रद्द हो जाएगी, और इन सब सवालों की वजह है ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट जिसमें आरोपी नंबर-37 के तौर पर अरविंद केजरीवाल का नाम है तो चार्जशीट में आरोपी नंबर-38 के तौर पर पहली बार किसी पार्टी का नाम दर्ज हुआ है. ये पार्टी है अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी. यानी अब अरविंद केजरीवाल अगर शराब घोटाले में दोषी साबित हुए तो सजा उनकी पार्टी को भी मिलेगी.

ईडी के मुताबिक शराब घोटाले से 100 करोड़ का फायदा लिया गया. ईडी के मुताबिक उसमें से 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल गोवा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए किया गया. ईडी की चार्जशीट कहती है कि फायदा पार्टी ने लिया और पार्टी के हर फैसले के लिए पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं. इसलिए ईडी की चार्जशीट में आरोपी आम आदमी पार्टी भी है और केजरीवाल भी.

आम आदमी पार्टी हमेशा ये पूछती है कि आखिर पैसों की ट्रेल क्या है. अबकी बार चार्जशीट में ईडी ने यह भी बताया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाते हुए- एक रुपए और सौ रुपए की उन तस्वीरों को दिखाया है, जिसमें दावा किया गया कि गोवा तक 45 करोड़ रुपए हवाला के जरिए भेजे गए. ईडी का दावा है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीनशॉट बरामद हुए हैं. ईडी के पास हवाला मनी ट्रांसफर से जुड़े विनोद चौहान और अभिषेक पिल्लई के बीच की व्हाट्सएप चैट भी मौजूद है. साथ ही ईडी कहती है कि उसके पास आरोपी विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच सीधे संबंध की चैट भी मौजूद है. इन सबके आधार पर ही अब अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी पार्टी भी आरोपी बनी है. जिसे 12 जुलाई को पेश होने के लिए कहा गया है.

कुल मिलाकर कहे तो अगर ईडी के पास केजरीवाल के खिलाफ सबूत है, तो वहीं सबूत उनकी पार्टी के खिलाफ भी काम करेंगे. जिसका मतलब है दिल्ली शराब नीति के चलते दिल्ली से उभरी राजनीतिक पार्टी का शटर डाउन.

 

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