देश में लोकसभा चुनाव चल रहें है 4 जून को अब परिणाम का इंतजार है लेकिन इस चुनाव में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है औक चुनाव प्रचार में भी सोशल मिडिया का अहम योगदान रहा है औक चुनाव के दैरान सभी पार्टीयों ने इसका भरपूर फायदा उठाया है मगर अब इस बीच कांग्रेस ने फेसबुक-यूट्यूब से लेकर इंस्टाग्राम तक के आंकड़ें जारी किए हैं.
इन आकड़ों में बीजेपी और कांग्रेस में तुलना की गई है. 20 मई दोपहर 12 बजे तक का यह लेटेस्ट डेटा है. फेसबुक-यूट्यूब से लेकर इंस्टाग्राम तक सोशल मीडिया पर बीजेपी और कांग्रेस में कौन कितना आगे है?
इस डेटा में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टा और यूट्यूब के आंकड़े शेयर किए गए हैं. ये आंकड़े लास्ट 20 रील्स/ पोस्ट के आधार पर हैं. इनमें वीडियो, शॉट्स, रील्स, व्यूज, लाइक, पोस्ट, रिपोस्ट के नंबर्स शामिल हैं. हालांकि, यूट्यूब ने लाइक्स को हाइड कर दिया है. अब आप को ग्रफिक के द्वारा सारे आकड़े भी दिखाते है
फेसबुक पर (कांग्रेस) के वियूज
- कांग्रेस के 20 वीडियोज का टोटल व्यूज-3,57,074
- लाइक- 65, 976
- रील्स व्यूज-2,29,200
- लाइक-20,297
- पोस्ट लाइक- 12,596
- टोटल-6,85,143
फेसबुक (बीजेपी) के विडियो पर वियूज
- 20 वीडियोज का टोटल व्यूज-1,76,400
- लाइक-37,706
- रील्स व्यूज-5,44,200
- लाइक-40,367
- पोस्ट लाइक-25,043
- टोटल-8,23,716
यूट्यूब (कांग्रेस) के वियूज
- वीडियो व्यूज- 12,52,500
- शॉर्ट्स व्यूज-15, 43, 400
- टोटल-27,95,900
यूट्यूब (BJP) वियूज
- वीडियो व्यूज- 7780
- शॉर्ट्स व्यूज-2,82,900
- टोटल-2,90,680
ट्विटर पर (कांग्रेस) के वियूज
- वीडियो व्यूज- 7,20,600
- लाइक-65,504
- रिपोस्ट-20,950
- पोस्ट व्यूज-11, 49, 900
- लाइक-41,468
- रिपोस्ट-11,639
- टोटल-20,09,061
ट्विटर पर (BJP) के वियूज
- वीडियो व्यूज- 3,41,900
- लाइक-18,618
- रिपोस्ट-6628
- पोस्ट व्यूज-1,84,900
- लाइक-6362
- रिपोस्ट-6741
- टोटल-5,65,139
इंस्टाग्राम पर (कांग्रेस) के वियूज
- रील्स व्यूज- 89,90,100
- लाइक-8,42,002
- पोस्ट लाइक-28,75,657
- टोटल-1,27,07,759
इंस्टाग्राम पर (BJP) के वियूज
- रील्स व्यूज- 58,29,800
- लाइक-5,91,982
- पोस्ट लाइक-12,47,300
- टोटल-76,69,082
ऐसा माना जाता है कि राजनीतिक दल सोशल मीडिया के महत्व को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़ना चाहते हैं। जिस भी राजनीतिक दल के बैनर तले ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप हों, वह मतदाताओं के साथ तेजी से और बेहतर तरीके से संवाद कर सकता है। चुनाव विश्लेषक और टिप्पणीकार अमिताभ तिवारी ने कहते हैं, “इससे राजनीतिक दलों को आसानी से आम लोगों तक पहुंचने में मदद मिलती है और यह काफी प्रभावी भी होता है।” तिवारी के मुताबिक फेसबुक पर विज्ञापनों के रहते क्रेज अब कम हुआ है जबकि यह एक वक्त में सबसे पसंदीदा मंच माना जाता था।
फिलहाल इंस्टाग्राम पर भी काफी राजनीतिक कंटेंट सामने आने लगा। देश के प्रधान मंत्री भी भारत को डिजिटल बना चुके है यही कराण है जो चुनाव में सोशल मीडिया अहम बन चुकी है. क्योंकि इन प्लेट फार्म से जनता से सीधा संपर्क भी हो जाता है.