चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में डिप्टी स्पीकर के पद और NEET मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच पहले दिन से ही लगातार तीखी नोकझोंक जारी है, इस बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर इन मुद्दों को लेकर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, जबकि वे खुद इस तरह के टकरावों को बढ़ावा देते हैं, द हिंदू में एक EDITORIAL में सोनिया गांधी ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी अभी तक लोकसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार नहीं कर पाए हैं, जिसमें एनडीए मुश्किल से सरकार बना पाई है। सोनिया गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं, जैसे कुछ बदला ही न हो। वे आम सहमति के मूल्य का उपदेश देते हैं, लेकिन टकराव को महत्व देते हैं
सोनिया गांधी ने कहा कि परंपरा के अनुसार लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए था, उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से उचित अनुरोध था लेकिन सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है। 17वीं लोकसभा में भी उपाध्यक्ष के संवैधानिक पद को नहीं भरा गया था।” गांधी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि स्पीकर ने भी इस मुद्दे को उठाया जबकी उनसे निष्पक्षता की उम्मीद रखी जाती है।
वहीं नीट पेपर लीक पर नीट पेपर लीक मामले पर चुप रहने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सोनिया ने बोला कि इस घोटाले ने हमारे लाखों युवाओं के जीवन को अस्त व्यस्त का दिया है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जो अपनी ‘परीक्षा पे चर्चा’ करते हैं, वे लीक पर पूरी तरह से चुप हैं, जिसने देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह कर दिया है.
दोस्तों सोनिया के बारे में कहा जाता है कि राजनैतिक बयानबाजियों से दूर ही रहती है लेकिन जब कभी भी वो किसी मुद्दे पर टिका टिप्पणी करती है तो उसकी सुर्खिरो ही बनती हैं चुनाव के रिजल्ट आने से से ठीक जब तमाम देश के बड़े बड़े मीडिया संस्थान एग्जिट पोल के जरिए बीजेपी के आंकड़े को 400 तक पहुंचाने में नही हिचक रहे थे,उस समय सोनिया गांधी ने कहा था कि नजीता टीवी पर दिखाए जा रहे एग्जिट पोल से एकदम विपरीत होगा,औऱ हुआ भी विल्कुल वेसा ही, जैसा सोनिया ने कहा था, एक एक बार फिस से सोनिया ने मोदी पर निशाना साधा है, और सरकार को घेरने का काम किया है.