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संवादः बिहार की बदलती राजनीति पर पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह से खास बातचीत

हाल के दिनों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बीच पर बढ़ी नजदीकी के सवाल पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह पर है। व्यक्तिगत संबंध अपनी जगह पर दोनों को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

बिहार की राजनीति में पिछले तीन दशक से अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह बदले माहौल में बिहार के विकास को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। उनका कहना है कि बिहार में एक जनप्रिय सरकार है। जनता ने तमाम विरोधाभास के बावजूद नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को अपना बहुमत दिया है। इस सरकार से बिहार की जनता को ढेर सारी अपेक्षाएं हैं। उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना इस सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काफी बेहतर कार्य हुए हैं। परंतु बहुत कुछ करना बाकी है।

जदयू मे अपनी एंट्री को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी अनिश्चित नहीं होता। संभावनाएं राजनीति में सदैव बनी रहती है। फिलहाल वह पूरे बिहार में अपने आंदोलन के साथियों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। चकाई की जनता को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा चकाई की महान जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उनके पुत्र सुमित कुमार सिंह को आशीर्वाद देकर उनके ऊपर बहुत बड़ा एहसान किया है। इस एहसान को कभी भी नहीं उतार सकते।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे कभी भी पद की राजनीति नहीं करते। कई ऐसे मौके आए जब उन्हें कोई बड़ा पद मिल जाता, लेकिन कभी भी आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। वे समाजवादी लोग हैं सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। व्यवस्था परिवर्तन के लिए राजनीति में आए हैं। जहां कहीं अन्याय होगा विरोध का स्वर स्वयं फूटेगा। हाल के दिनों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बीच पर बढ़ी नजदीकी के सवाल पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह पर है। व्यक्तिगत संबंध अपनी जगह पर दोनों को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

लेखकः अनूप नारायण सिंह

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