राज्य सभा में सुधांशु त्रिवेदी कांग्रेस समेत समाजवादी पार्टी को निशाने पर लिया. अपने शब्दों के बांण से सुधांशु त्रिवेदी उन तमाम लोगो को लपेटे में लिया जो लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के बाद ये बोल रहे थे कि भगवान राम बीजेपी से नाराज है औऱ इसी लिए बीजेपी अयोध्या की सीट को हारी है. राज्यसभा में अपनी बात को रखते हुए सुधांशु त्रिवेदी बोले कि हमारे विरोधी बता रहे हैं कि आप अयोध्या, बस्ती, प्रयागराज, चित्रकूट, नासिक, रामेश्वरम हार गए। कह रहे हैं कि भगवान राम से जुड़े सारे स्थलों पर बीजेपी हार गई, लेकिन वे प्रभु की लीला नहीं समझ पाए। जो लोग कहते थे कि भगवान राम हुए नहीं, उनका सबूत दो। वे उत्तर से दक्षिण तक भगवान राम का सबूत दे रहे हैं कि अयोध्या, बस्ती, प्रयागराज, रामटेक, रामेश्वरम भी था। आपको लगता है कि भगवान हम लोगों को हरवाने के आए थे, नहीं, भगवान आपको अपना अस्तित्व मनवाने के लिए आए थे।
हांलाकि सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में जो कहा उसे बीजेपी समर्थकों ने हाथों हाथ लिया, औऱ उनका करीब चार मिनट का भाषण ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगा. अपनी स्पीच में सुधांशु बोले की ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। आज से 30 साल पहले यूपी में जब सपा, बसपा और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, तब नारा लगा था कि मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय-श्रीराम। हम तब भी नहीं डिगे थे और तीन साल में हमने यूपी और केंद्र में सरकार बनाकर दिखा दी थी। सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि भगवान राम का विषय हमारे लिए हार-जीत का नहीं है। जब हम दो सीट वाले पार्टी थे, तब भी वैसे ही खड़े थे, जैसे अब खड़े हैं। हमारे लिए भगवान राम हार-जीत का विषय नहीं हैं।
कुल मिलाकर कहें तो सुधांशु ने अपनी स्पीच में हार तो स्वीकार की लेकिन विपक्ष को ये संदेश दे दिया की इस जीत से ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है, आने वाले समय में बीजेपी जमीन औऱ जनता के बीच अपनी पकड़ को और ज्यादा मजबूत करने जा रहे हैं.