Tag Archives: पश्चिम बंगाल

लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में CBI की बड़ी कार्रवाई, UP के 13 जिलों में छापेमारी

आज  मुख्यमंत्री  के पद कि शपथ लेंगे पुष्कर सिंह धामी | Aaryaa News

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल के दौरान लखनऊ में बड़े घोटाले में सीबीआइ ने अपनी जांच की गति तेज कर दी है। लखनऊ में करीब 1800 करोड़ रुपए के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआइ की एंटी करप्शन ब्रांच ने उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान के कई जिलों में छापा मारा है।

सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में आरंभिक जांच के बाद तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव, शिवमंगल यादव, चीफ इंजीनियर काजिम अली, असिस्टेंट इंजीनियर सुशील कुमार यादव समेत 190 लोगों के विरुद्ध नया केस दर्ज किया है। इस केस को दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने कई टीमें गठित कर उत्तर प्रदेश के 13 जिलों के साथ राजस्थान के अलवर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 42 स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। सोमवार तड़के शुरू हुआ अभियान जारी है और दिन में इसे बढ़ाया जा सकता है। सीबीआइ अधिकारियों ने बताया कि एफआईआर में तत्कालीन इंजीनियरों सहित उत्तर प्रदेश सरकार के 190 अधिकारियों और अन्य को आरोपित किया कया है। गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआइ ने दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है।

सीबीआइ की एंटी करप्शन की टीमों ने एक साथ उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के साथ गाजियाबाद, बरेली, गौतमबुद्धनगर, सीतापुर, बुलंदशहर, आगरा, रायबरेली, इटावा तथा पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कई जिलों में छापा मारा है। लखनऊ में करीब 1800 करोड़ के घोटाले में 190 से लोगों के खिलाफ नया केस दर्ज किया गया है। इनमें नेता, व्यापारी तथा आइएएस अधिकारी व इंजीनियर भी हैं। सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम ने गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में आधा दर्जन आरोपितों के कई ठिकानों पर एक साथ छापा मारा है। टीमें कागजों की पड़ताल में लगी हैं। यह मामला बेहद गंभीर होने के कारण कोई भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में लखनऊ में गोमती नदी के सौंदर्यीकरण का काम किया गया। इसको गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर सजाने की योजना थी। समाजवादी पार्टी की सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। इस दौरान रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया था।

गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं। इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है।

इस मामले में आठ इंजीनियर्स के खिलाफ पुलिस के साथ सीबीआइ व ईडी केस दर्ज कर जांच कर रही हैं। इसमें तत्कालीन चीफ इंजीनियर गोलेश चन्द्र गर्ग, एसएन शर्मा, काजिम अली, शिवमंगल सिंह, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव, सुरेन्द्र यादव शामिल हैं। यह सभी सिंचाई विभाग के इंजीनियर हैं, जिनके खिलाफ जांच चल रही है।

 

मानसून की गतिविधियों में तेजी आठ जुलाई से आने की संभावना,जबकि तेज बारिश 10 के बाद ही हो सकती है

अगले 24 घंटों के दौरान, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तर पश्चिमी भारत से हीटवेव की स्थिति समाप्त होने की उम्मीद है। पूर्वोत्तर भारत, बिहार, ओडिशा के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, विदर्भ के अलग-अलग हिस्सों, तटीय कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, कोंकण और गोवा, मराठवाड़ा के अलग-अलग हिस्सों और दक्षिण और पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। दक्षिण गुजरात, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, आंतरिक कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और लद्दाख में हल्की बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।

मानसून की गतिविधियों में तेजी आठ जुलाई से आने की संभावना है, जबकि तेज बारिश 10 के बाद ही हो सकती है। मौजूदा समय में क्रॉस इक्वाटोरियल फ्लो कमजोर पड़ गया है, जबकि मानसूनी हवा की दिशा परिवॢतत हो गई है, जिसकी वजह से बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित नहीं हो पा रहा है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने अगले दो दिन बूंदाबांदी और बदली छाई रहने की संभावना जताई है।

एक ट्रफ रेखा उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों से लेकर बिहार और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल होते हुए पूर्वोत्तर असम तक फैली हुई है। चक्रवाती हवा का क्षेत्र पाकिस्तान और इससे सटे क्षेत्र पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा विदर्भ से तेलंगाना और आंतरिक तमिलनाडु होते हुए दक्षिणी तमिलनाडु तक फैली हुई है।