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चौथे चरण के बाद फलोदी सट्टा बाजार का दावा, BJP- कांग्रेस में इतने सीटों का रहेगा अंतर

लोकसभा चुनाव 2024 में 13 मई को चौथे चरण का मतदान अब देश में पूरा हो चुका है.  इसके साथ ही देश में 70 प्रसेंट चुनाव पूरा हो गया है. आपको बतादें कि चौथे चरण में 1 केंद्राशासित व 9 राज्‍यों की 96 सीटों पर वोट डाले गए हैं. हर चरण के मतदान के पहले और बाद फलोदी सट्टा बाजार के भाव भी काफी ऊपर-नीचे होते हैं. अब तक चार चरणों में लोकसभा की आधी से ज्‍यादा सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं. ऐसे में फलोदी सट्टा बाजार के सामने आए नए आंकड़ो ने भी सबको चौंका दिया है.

देश में तीसरी बार मोदी सरकार? अबकी बार 400 पार? भाजपा वाले भले ही यह दावा करते हो, मगर चुनावों में सटीक अनुमान के लिए पहचान बना चुका राजस्‍थान का फलोदी सट्टा बाजार इससे आधा ही इत्‍तेफाक रखता है। भाजपा का दावा और फलोदी सट्टा बाजार के अनुमान में से कौन सही साबित होगा? इसका पता 4 जून को मतों की गिनती से लग पाएगा।

ये तो सभी जानते हैं कि देश में लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में हो रहे हैं और हर चरण के मतदान के बाद फलोदी सट्टा बाजार में भाजपा की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है….. अब तक तो अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा को 300 सीट भी आसानी नहीं मिलने वाली….लेकिन अब तक के मतदान के आधार पर फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान है कि भाजपा 543 में से 296-300 सीट जीत सकती है जबकि एनडीएम को मिलाकर यह आंकड़ा 329 से 332 पहुंच सकता है……..

13 मई को होने वाले चौथे चरण के मतदान से पहले फलोदी सट्टा बाजार के सटोरिए कांग्रेस को 58 से 62 सीटें दे रहे हैं। दूसरे चरण के मतदान के बाद तक फलोदी वाले भाजपा को 307 से 310 सीटें दे रहे थे, मगर कई जगहों पर कम मतदान को सत्‍ता विरोधी लहर के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में फलोदी सट्टा बाजार 300 से कम सीटों का अनुमान लगा रहा।

फलोदी सट्टा बाजार का राज्‍यवार अनुमान

गुजरात में 26 सीटें भाजपा
मध्‍य प्रदेश में 27-28 सीटें भाजपा
राजस्‍थान में 18-20 सीटें भाजपा
ओडिशा में 11-12 सीटें भाजपा
पंजाब में 2-3 सीटें भाजपा
तेलंगाना में 5-6 सीटें भाजपा
हिमाचल में 4 सीटें भाजपा
पश्चिम बंगाल में 20-22 सीटें भाजपा
छत्‍तीसगढ़ में 10-11 सीटें भाजपा
उत्‍तराखंड में 5 सीटें भाजपा
दिल्‍ली में 6-7 सीटें भाजपा
हरियाणा में 5-6 सीटें भाजपा
उत्‍तर प्रदेश 64-65 सीटें भाजपा
झारखंड में 10-11 सीटें भाजपा
तमिलनाडु में 3-4 सीटें भाजपा

12 साल बाद तब्बू की हालीवुड में वापसी, आस्कर विनिंग सीरीज में करेंगी काम

आपको पता ही होगा कि बॉलीवुड के कई कलाकार हॉलीवुड की फिल्मों में एक्टिंग करके अपनी तारीफ बटोर चुके हैं. जिनमें दिग्गज सितारे अनुपम खेर, इरफान खान, और प्रियंका चोपड़ा  का नाम खास तौर पर लिया जाता है. हालांकि सिर्फ बॉलीवुड स्टार्स ने ही नहीं बल्कि हॉलीवुड के कई स्टार्स ने भी बॉलीवुड फिल्मों में अपनी अदाकारी का जादू चलाया है. हिंदी फिल्मों में अपने एक्टिंग से किरदारों में जान फूंक देने वाले ये हॉलीवुड कलाकारों का नाम विश्व के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में आता है.जिसमे टोबी स्टीफन्स जो जेम्स बॉन्ड की फिल्म ‘डाई एनोदर डे’ के लिए फेमस है

टोबी ने हिंदी फिल्मों में भी काम किया  हैं. वो आमिर खान की फिल्म मंगल पांडे में कैप्टन गॉडिन के किरदार में नजर आ चुके हैं. इसके बाद क्लाइव स्टेंडेन बॉलीवुड की फिल्मों में अपना जादू बिखेर चुके है क्लाइव स्टेंडेन को 2007 में आई फिल्म ‘नमस्ते लंदन’ में देखा गया था.

हलीवुड और वालीवुड के सालो चले आ रहे इस सिलसिले के बीच अब खबर आई है कि एक बार फिर से bollywood कि फेमस अदाकारा तब्बू अपनी acting कि छाप छोड़ते हुए हालीवुड कि फिल्म ड्यून: प्रोफेसी’ में नजर आयेगी

इससे  पहले तब्बू का पिछला हॉलीवुड प्रोजेक्ट ‘लाइफ ऑफ पाई’ 2012 में रिलीज हुआ था. इस फिल्म में तब्बू के साथ इरफान खान, आदिल हुसैन और सूरज शर्मा ने भी काम किया था.4 ऑस्कर अवॉर्ड्स जीतने वाली ये फिल्म लवर्स की फेवरेट फिल्मों में से एक है.

अपने दमदार acting के परफॅारमेंस से आइकॅानिक फिमेल किरदारों को हिट कराने वाली bollywood कि फेमस अदाकारा तब्बू को आज का टाइम पर कौन नही जानता खबरो के मुताविक तब्बू अब पॉपुलर ‘ड्यून’ फ्रेंचाइजी की अगली फिल्म ‘ड्यून: प्रोफेसी’ में नजर आएंगी।इस फिल्म में मेकर्स ने उन्हें एक अहम किरदार के लिए साइन किया है। इस खबर के बाद से फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं है। फैंस का कहना है कि अब बाहरी दुनिया को भी तब्बू का टैलेंट देखने को मिलेगा।वैराइटी’ के मुताबिक, नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस Tabu अब Dune: Prophecy में सिस्टर फ्रांसिका  के रोल में नजर आएंगी।

यह किरदार बेहद बुद्धिमान, तेज-तर्रार, खूबसूरत और साहसी सिस्टर का है Dune: Prophecy सीरीज की शुरुआत साल 2019 में हुई थी। पहले इसका नाम ‘ड्यून: द सिस्टरहुड’ था। ये ब्रायन हरबर्ट और केविन जे एंडरसन की लिखी किताब ‘सिस्टरहुड ऑफ ड्यून’ पर आधारित है। ड्यून: प्रोफेसी’ का प्रीमियर 2024 के अंत में एचबीओ मैक्स और भारत में जियो सिनेमा पर आने की उम्मीद है।

मोदी सरकार में हर साल मिले 5 करोड़ से ज्यादा रोजगार, इन सरकारी योजनाओं की स्टडी में हुआ खुलासा

देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. एक तरफ बीजेपी ने 400 पार का नारा बुलंद कर रखा है तो वहीं विपक्ष रोजगार को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है. ऐसे में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में 51.40 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है यानी हर साल 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 साल में 19.79 करोड़ रोजगार सरकारी योजनाओं के जरिए पैदा हुए जबकि 31.61 करोड़ रोजगार सरकार की लोन-आधारित योजनाओं के कारण पैदा हुए हैं.इस रिपोर्ट को विस्तार से आपको बताएं उससे पहले आप इस वीडियो को लाइक और आर्या ट्रेड टॉक को सब्सक्राइब कर लें.

घरेलू शोध संस्थान स्कॉच की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में 51.40 करोड़ रोजगार मिले हैं। SKOCH की रिपोर्ट “Employment Generative Impact of Modi Nomics: The Paradigm Shifts” के मुताबिक

साल 2014 से 2024 के बीच सालाना कम से कम 5.14 करोड़ पर्सन पर ईयर्स रोजगार पैदा हुए।पर्सन पर ईयर इस बात का पैमाना होता है कि किसी व्यक्ति ने पूरे साल कितने घंटे काम किया। रिपोर्ट के मुताबिकपिछले 10 साल में 19.79 करोड़ रोजगार सरकारी योजनाओं के जरिए पैदा हुएजबकि 31.61 करोड़ रोजगार सरकार की लोन-आधारित योजनाओं के कारण बने।

यह रिपोर्ट 80 केस के रिसर्च पर आधारित है। इसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं के आंकड़ों और लोन लेने वाले लोगों को शामिल किया गया है।

स्कॉच ग्रुप के चेयरमैन और रिपोर्ट के लेखक समीर कोचर ने इस रिपोर्ट के बारे में बताया कि इस स्टडी के लिए हमने क्रेडिट वाली योजनाओं और सरकारी योजनाओं को शामिल किया। क्रेडिट वाली योजनाओं ने सालाना 3.16 करोड़ रोजगार पैदा किए जबकि सरकारी योजनाओं से 1.98 करोड़ रोजगार पैदा हुए। यह रिपोर्ट कई साल की मेहनत से तैयार की गई है और इससे साबित होता है कि 2014 से शुरू की गई कई सरकारी योजनाओं से बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हुए हैं। इस स्टडी में केंद्र सरकार की 12 योजनाओं को शामिल किया गया था।

इनमेंमनरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी, दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, RSETI, ABRY, PMEGP, SBM-G, PLI और पीएम स्वनिधि योजना शामिल हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रो लेंडिंग का यूज स्थिर और टिकाऊ रोजगार सृजन के लिए किया जा रहा है। एक कर्ज राशि पर औसतन 6.6 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए हैं। पिछले नौ साल में क्रेडिट गैप में 12.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसने क्रेडिट गैप में कटौती, बहुआयामी गरीबी में कमी और एनएसडीपी में वृद्धि के बीच एक सकारात्मक संबंध भी दिखाया है। स्कॉच ग्रुप सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर काम करने वाला एक स्थानीय शोध संस्थान है। यह पिछले कई सालों से देश में समावेशी विकास यानी इनक्लूजिव ग्रोथ की दिशा में काम कर रहा है।

अमित शाह ने यूपी में बिछाई बिसात, भाजपा के लिए खेलेंगे धनंजयसिंह और राजा भैया

न तीन में न तेरह में, ये कहावत बड़ी पुरानी है. इस बार के लोकसभा चुनाव में राजा भैया और धनंजय सिंह का यही हाल है. राजा भैया और धनंजय सिंह इन दोनों नेताओं में  आखिर क्या कॉमन है. 14 मई से क्या रिश्ता है दोनों बाहुबली नेताओं का? अब इसे संयोग कहिए या फिर प्रयोग पर दोनों नेताओं ने आज यानी 14 मई को अपने करीबी लोगों की बैठक बुलाई है.

धनंजय सिंह ने जौनपुर में अपने घर पर मीटिंग बुलाई. राजा भैया ने प्रतापगढ़ में अपने बेंती पैलेस पर जनसत्ता दल के नेताओं की बैठक बुलाई. आपको बता दें कि दोनों नेता इसी महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं. इसके आगे की रणनीति तय करने के लिए ये बैठक हुई.

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की अपनी पार्टी है जनसत्ता दल. इस पार्टी के दो विधायक हैं. प्रतापगढ़ और कौशांबी सहित आस-पास की लोकसभा सीटों पर राजा भैया का प्रभाव है.

पिछले छह सालों से राजा भैया कई मौकों पर बीजेपी का समर्थन कर चुके हैं. इसी चक्कर में उनका अखिलेश यादव से संबंध भी ख़राब हो गया. साल 2018 के राज्य सभा के चुनाव में उन्होंने बीएसपी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया. तब समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन था. कहते हैं कि ताली दोनों हाथों से बजती है. लेकिन राजा भैया और बीजेपी के मामले में ऐसा नहीं है. अब तक तो राजा भैया ही बिना शर्त साथ निभाते रहे हैं.

शैलेंद्र कुमार को चुनाव लड़ाना चाहते थे चुनाव

राजा भैया इस बार कौशांबी लोकसभा सीट से अपने सहयोगी शैलेंद्र कुमार को चुनाव लड़ाना चाहते थे. लेकिन बीजेपी से बात नहीं बन पाई. बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर को ही टिकट दिया है. लेकिन इसके बाद बैंगलुरु में राजा भैया और अमित शाह की मुलाक़ात हुई और दिल खोल कर बात हुई.

कभी मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे राजा भैया अब समाजवादी पार्टी के घनघोर विरोधी हैं. वे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी करीबी हैं. समझा जा रहा है कि अमित शाह ने राजा भैया को उचित मान सम्मान का भरोसा दिया है. अगर इतने पर ही राजा मान गए तो फिर आजकी बैठक में वे बीजेपी को समर्थन देने का फ़ैसला कर सकते हैं.

तो वहीं दूसरी तरफ जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह जमानत पर बाहर हैं. उन्हें एमपी एमएलए कोर्ट से सात साल की सजा हुई है. उनकी पत्नी श्रीकला सिंह जौनपुर से बीएसपी की उम्मीदवार थीं. उन्होंने नामांकन भी कर दिया था. पर बाद में उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली. सूत्रों का कहना है कि तीन दिनों पहले दिल्ली में धनंजय सिंह और उनकी पत्नी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात हो चुकी है.इस मुलाकात में क्या बात हुई,

बीजेपी ने जौनपुर से कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया

अब तक तस्वीर साफ नहीं है. बीजेपी ने जौनपुर से कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. सूत्र बताते हैं कि अगर धनंजय की पत्नी बीएसपी से चुनावी मैदान में रहती तो बीजेपी की राह मुश्किल हो सकती थी. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी जौनपुर की सीट हार चुकी है.

इसलिए पार्टी इस बार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. धनंजय सिंह ने आगे की रणनीति तय करने के लिए आज अपने करीबी लोगों के साथ बैठक की. अब दोनों नेताओं ने इस बैठक में क्या फैसला लिया है ये तो आने वाला वक्त बताएगा.लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही वो बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं.

Covid19: कोरोना को लेकर महाराष्ट्र में अलर्ट, नये वैरिएंट से क्यों मची है खलबली

 Covid19: कोरोना वायरस  दुनिया भर में कई लोगों को ऐसे जख्म दे गया है जो शायद दी इस जन्म में भर पाए कोरोना खथ्म तो हो हगाया है मगर पूरी तरहा से नहीं क्योंकि जैसे ही हम इसे भूलने लगते हैं वैसे ही हमारे सामने इसका एक नया वैरिएंट आकर खड़ा हो जाता है। हाल ही में ऐसा ही हुआ है।

दुनियाभर के कुछ देशों में कोरोना के 2 नए वैरिएंट्स अपना पैर पसार रहे हैं जिन्हें Flirt covid variants नाम दिया गया है। खबरों की मानें तो, पिछले सप्ताह तक अमेरिका में इसके 25 से 30% तक कोविड मामले इन्हीं दो वैरिएंट्स से जुड़े हुए हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि दुनिया में इसकी एक नई लहर देखने को मिल सकती हैमहाराष्ट्र में कोविड-19 सब-वैरिएंट के 91 नए मामले दर्ज किए गए हैं। यह कोविड-19 ओमिक्रोन सब-वैरिएंट केपी.2 है जिसके कई देशों में मामले सामने आ रहे हैं ताजा आंकडे़ के अनुसार महाराष्ट्र के पुणे में 51 और ठाणे में 20 मामले दर्ज किए गए हैं

अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या नहीं बढ़ी

 

कोविड-19 ओमिक्रॉन सब वेरिएंट KP.2 का पहला मामला साल 2024 के पहले महीने में ही सामने आया था उसके बाद से मामलों में इजाफा होता गया और मार्च अप्रैल तक संख्या में काफी इजाफा हो गया हालांकि अभी इस संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या नहीं बढ़ी है इस नए सब वैरिएंट KP.2 के पुणे और ठाणे के अलावा, अमरावती और औरंगाबाद में सात-सात मामले सामने आए, जबकि सोलापुर में दो मामले और अहमदनगर, नासिक, लातूर और सांगली में KP.2 वैरिएंट का एक-एक मामला सामने आया

कोविड-19 ओमिक्रॉन के इस नए सब वेरिएंट को FLiRT का नाम दिया गया है। FLiRT में दो म्यूटेंट शामिल हैं जो KP.1.1 और KP.2 हैं आइए जानते हैं कि इन दोनों म्यूटेंट को मिलाकर कैसे इसे FLiRT नाम दिया गया दरअसल KP.2 से आया ‘FL’ फिर KP.1.1. से आया है, ‘RT’। एक तरफ FL, दूसरी तरफ RT और दोनों को अंग्रेजी के छोटे वाले i से जोड़कर FLiRT बना दिया गया है.

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट FLiRT का असर सबसे ज्यादा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर हो सकता है ऐसे में इसके शिकार डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों से गुजर रहे लोग हो सकते हैं ऐसे में अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण अपने शरीर में दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए। इसके साथ ही खांसी होने पर मास्क का इस्तेमाल करें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखे

अब इसके लझण भी हम आप को बता देते है

 

गला खराब होना, खांसी आना, नाक बंद होना या नाक बहना, थकावट, कमजोरी महसूस होना, सिर दर्द होना, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, ठंड लगने के साथ बुखार आना, स्वाद न आना इसके लक्षण है

FLiRT वेरिएंट का सबसे पहले अमेरिका में पता चला था वहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न माना है, इसका मतलब है कि यह घातक है और इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है ऐसा माना जा रहा है कि इसमें वैक्सीन और इम्यूनिटी को चकमा देने की ताकत है। यानी इस पर वैक्सीन का फिलहाल कोई असर नहीं हो रहा है लेकिन अगर आप को बताए गए लक्षण लगते है दो ड़ॉ की सलहा लेना ना भूले

Iran: भारत और ईरान की इस डील से परेशान हैं अमेरिका, चीन और पाकिस्तान

भारत और ईरान के बीच एक ऐसी डील हुई है जिसके बाद कई देशों की बेचैनी बढ़ गई है। चीन-पाकिस्तान की टेंशन तो बढ़ने वाली ही है अमेरिका भी परेशान हो गया है। इस परेशानी का सबब बना है इरान का चाबहार बंदरगाह रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण इस बंदरगाह को लेकर भारत और इरान के बीच समझौता हुआ है जिसे लेकर अब अमेरिका ने तो पाबंदी तक की बात कह दी है। अमेरिका की ओर से संभावित जोखिम जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है. क्या है पूरा मामला. आखिर भारत और इरान के समझौते ने कैसे दुनिया के कई देशों की परेशानी बढा दी है

चाबहार बंदरगाह 10 साल के लिए भारत को मिला

भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह को लेकर 13 मई को जो समझौता हुआ उसके बाद कई देशों की बेचैनी बढ़ गई है। समझौते के मुताबिक, चाबहार बंदरगाह 10 साल के लिए भारत को मिला है। ये पहली बार है जब भारत विदेश में किसी बंदरगाह का काम संभालेगा। चाबहार पोर्ट ईरान के दक्षिण में सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में है, जिसे ईरान और भारत दोनों मिलकर ही विकसित कर रहे हैं।

यह समझौता भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मध्य एशिया और अफगानिस्तान तक व्यापार मार्गों तक उसकी पहुंच को बढ़ा देगा। यह समझौता चीन और पाकिस्तान के लिए भी एक झटका है, जो ग्वादर बंदरगाह विकसित कर रहे हैं, जो चाबहार से सिर्फ 172 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस समझौते के बाद दोनों बंदरगाहों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है और भारत का मानना है कि चाबहार बेहतर कनेक्टिविटी और कम लागत का वजह से अधिक फायदेमंद होगा।

चाबहार भारत को मध्य एशियाई देशों, विशेष रूप से अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ावा देने का एक मौका देगा। इससे भारत की रूस और यूरोप तक पहुंच भी आसान होगी. भारत को इस क्षेत्र में अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में आसानी होगी.दरअसल भारत जो चाबहार बंदरगाह का विकास कर रहा है उसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानी सीपीईसी से मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है. जिसे कई लोग क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के लिए खतरा मानते हैं. इस बंदरगाह से भारत की अफगानिस्तान तक पहुंच आसान हो जाएगी. अभी भारत को अफगानिस्तान तक अपना माल भेजने के लिए पाकिस्तान होकर जाना पड़ता है।

इस समझौते से सबसे अधिक टेंशन में चीन और पाकिस्तान हैं। इसके पीछे की वजह ये है कि इस बंदरगाह के जरिए पाकिस्तान को आसानी से बायपास किया जा सकता है। अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान पर निर्भरता नहीं रहेगी। इतना ही नहीं चाबहार की वजह से पाकिस्तान के ग्वादर और कराची पोर्ट की अहमियत भी काफी हद तक कम हो सकती है। ग्वादर बंदरगाह को लेकर चीन की शुरू से ही नीति आक्रामक रही है और कई डिफेंस एक्सपर्ट इस बात की आशंका जाहिर कर चुके हैं कि यहां से चीन की जासूसी गतिविधियां बढ़ेंगी। ग्वादर भारत के लिए चुनौती के साथ ही साथ किसी खतरे से भी कम नहीं। अब चीन और पाकिस्तान को चाबहार के जरिए जवाब मिला है और इसका असर भी देखने को मिल रहा है।

चाबहार को लेकर भारत और ईरान के बीच अटल सरकार के समय बातचीत शुरू हुई थी और इसके करीब दो दशक बाद अब मोदी सरकार को इसमें कामयाबी मिली है। 2016 में नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का समझौता हुआ था। साल 2018 में जब तत्कालीन ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी दिल्ली आए थे तब इस मुद्दे पर काफी लंबी बातचीत हुई थी। इसी साल जनवरी के महीने में विदेश मंत्री एस जयशंकर की तेहरान यात्रा के दौरान भी इसे प्रमुखता के साथ रखा गया था।

इतने लंबे समय से चली आ रही ये बातचीत जब अपने मुकाम तक पहुंची है तो इस समझौते से अब अमेरिका भी परेशान हो उठा है। अमेरिका ने कहा है कि ईरान के साथ व्यापारिक सौदे करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाए जाने का खतरा है। इसके पीछे की वजह ये है कि अमेरिका ने इरान पर प्रतिबंध लगाये हुए हैं उसका कहना है कि जो भी देश इरान के साथ किसी भी तरह का व्यापार करेगा तो उस पर भी प्रतिबंध लग सकता है. अब इसको लेकर भारत क्या कदम उठाने वाला है ये तो आने वाला समय बताएंगा. लेकिन अभी भारत ने इरान के साथ चाबहार बंदरगाह की डील करके सभी को चौंका जरूर दिया है.

हेलीकॉप्टर से जाना चाहते हैं बाबा केदारनाथ, ऐसे कर सकते हैं हजारों की बचत

उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू हो गई है लाखों की ताताद में भक्त यात्रा करने पहुंच रहे है मगर इसी बीच भक्तों की अधिक संख्या होमे के कारण वयवस्था भी बिगड़ने लगी है कुछ तस्वीरे ऐसी भी आई है जिसमें वयवस्था को चरमाराते हुए साफ देखा जा सकता है।

लोगों को दर्शन करने के लिए खासा मुसीबत का सामना कर पड़ रहा है जदातर लोग बाबा केदार का लंबा ट्रैक पैदल पूरा कर रहें है कुढ़ घोड़े खच्चर से यात्रा कर रहे है तो केदार बाबा के दार्शन के लिए हैलीक़ॉप्टर की भी  सुविधा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपको केदारनाथ या बद्रीनाथ किसी धाम पर हेलीकॉप्टर के जरिए जाना होगा तो कितना किराया लगेगा नहीं जानते तो चलिए हम बताते है

दरहसल फाटा से केदारनाथ के लिए 6072 रुपये राउंट ट्रिप का चार्ज है. सिरसी से केदारनाथ के लिए 6072 रुपये राउंड ट्रिप का चार्ज है. वहीं गुप्तकाशी से केदारनाथ 8426 रुपये चार्ज है. इसके अलावा आपको टैक्स अलग से देना होगा. वहीं गौचर से बद्रीनाथ के लिए 3,970 शुल्क लगेगा

मगर भक्तों की अधिक भीड़ होने के कारण कुछ यात्रियों को हेलीकॉप्टर के टिकट मिले हैं, लेकिन अधिकांश श्रद्धालुओं का कहना है कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जब हेलीकॉप्टर की बुकिंग शुरू हुई थी, उस दौरान टिकट बहुत जल्दी खत्म हो गए थे. जिस कारण उन्हें हेलीकॉप्टर की टिकट नहीं मिल पाया था

केदारनाथ समेत बद्रीनाथ हेलीकॉप्टर सेवा के लिए टिकट ब्लैक हो रहे हैं, इसको लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. लेकिन ऋषिकेश और हरिद्वार में मौजूद ट्रैवल एजेंट से जब एबीपी न्यूज की टीम ने बात किया, तो उन्होंने नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया कि केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर के टिकट मौजूद नहीं हैं. अगर किसी यात्री को टिकट चाहिए, तो करीब 13 हजार से 18 हजार के बीच एक व्यक्ति का चार्ज लगेगा. उन्होंने बताया कि टिकट की डिमांड और लंबी छुट्टी पर ये रेट अधिक होकर 30 हजार से ज्यादा भी पहुंच जाता है.  हालांकि इसके लिए यात्री को पहले करीब 40 फीसदी तक पेमेंट एडवांस में करना पड़ेगा, उसके बाद ही टिकट बुक करने का प्रोसेस शुरू होगा.

केदारनाथ यात्रा के लिए सरकार ने 9 कंपनियों को हेलीकॉप्टर सेवा के लिए अनुमति दिया है. जिसमें ट्रांस भारत एविएशन, आर्यन एविएशन, पवन हंस, थंबी एविएशन, ग्लोबल वेक्टरा हेलीकॉर्प , ट्रांस भारत एविएशन, एरो एयर क्राफ्ट हिमालयन हेली सर्विसेज, केस्ट्रेल एविएशन सेरसी हेलीपैड कंपनियां शामिल है. ये कंपनियां तीन जगहों से उड़ान भरेगी, जिसमें फाटा,सिरसी और गुप्तकाशी हेलीपैड शामिल है.

ऋषिकुल मैदान में चारधाम यात्रियों के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 13 मई से सुबह सात बजे आरंभ हो गयी। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सुबह से ही काफी संख्या में श्रद्धालु ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे। लेकिन दोपहर दो बजे चरधाम के लिए मई के सभी ऑफ लाइन स्लॉट बुक हो गए। जिसके चलते मई में चारधाम यात्रा जाने वाले यात्रियों को स्लॉट नहीं मिल सके।

 

हाई अलर्ट : जुमे की नमाज को लेकर, फिरोजाबाद में भारी मात्रा में फोर्स तैनात…

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में प्रशासन ने जिले को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है वही जिला के धर्मगुरुओं ने मस्जिदों से ऐलान किया कि किसी भी तरीके की अफवाहों पर ध्यान ना दिया दे.

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कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास करने वाले सभी प्रकार के तत्वों से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर बैठी है प्रशासन केन्द्रीय पुलिस बल, सहित भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है,इंटेलिजेंस एजेन्सियां सक्रिय व खुफिया कैमरों, ड्रोन कैमरों से चप्पे-चप्पे पर निगरानी होगी।

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फिरोजाबाद में धारा 144 लगी हुई है, किसी भी तरह का जुलुस निकालना, धरना देना मना है, सभी प्रकार की गतिविधियों पर पुलिस व जिला प्रशासन एवं इंटैलिजेंस एजेंसियों ने नजर रखे हुए हैं, शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने में किसी भी प्रकार की संलिप्त्ता पाए जाने पर उसके विरूद्ध सख्ती की जाएगी,

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नचिकेता झा ने सभी से कहा कि अफवाहों पर ध्यान नही दें, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर किसी भी तरह की भ्रामक, भड़काऊ व आपत्तिजनक पोस्ट, कमेण्ट न डालें। सोशल मीडिया सैल प्रत्येक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी पैनी नजर बनाए रखे हुए है,धार्मिक उन्माद फैलाने वाले व आपत्तिजनक कमेण्ट व पोस्ट डालने वालों के विरूद्ध आईटी एक्ट व आईपीसी की सुसंगत धाराओं में कठोर कार्यवाही कर जेल भेजा जाएगा और इसके लिए उस ग्रुप का एडमिन भी जिम्मेदार होगा।