Tag Archives: AK Sharma Joins BJP

चाचा राफे राना, इस्माइल राना, शकील राना, जमील राना और चचेरे भाई यासिर राना पर हमला कराने का संदेह जताते हुए दर्ज कराई थी एफआइआर

 

रायबरेली में सोमवार शाम कथित हमले की घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हुई है। जिससे पता चल रहा है कि कैसे मुनव्वर राना का बेटा तबरेज राना रायबरेली के पेट्रोल पंप पर पहुंचता है। वह अपनी गाड़ी पेट्रोल पंप के बाहर ही खड़ी कर देता है। इस दौरान वह गाड़ी में ही बैठा रहता है। कुछ देर बाद बाइक पर दो लोग पहुंचते हैं। वह गाड़ी का मुआयना कर गाड़ी में उस स्थान पर फायरिंग करते हैं, जहां पर तबरेज नहीं बैठा है। तबरेज गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर था। गाड़ी पर फायर करने के बाद बाइक सवार भाग जाते हैं। इसके बाद आराम से तबरेज गाड़ी से बाहर निकलता है।

तबरेज ने मामले में चाचा राफे राना, इस्माइल राना, शकील राना, जमील राना और चचेरे भाई यासिर राना पर हमला कराने का संदेह जताते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी। वारदात की तहकीकात की शुरुआत से ही पुलिस को तबरेज राना पर शक था। उसकी सीडीआर निकालकर एसओजी ने जब उसके करीबियों को उठाया तो सच सामने आ गया। गुरुवार की रात उस पर गोली चलाने वाले दोनों शूटर भी दबोच लिए गए।

आरोपित राफे राना ने बताया कि राजघाट पर उनके परिवार की साढ़े आठ बीघा जमीन है। इसमें चार बीघा उनकी और उनके भाई इस्माइल की है। साढ़े चार बीघा में छह भाइयों का हिस्सा है। पिता की मृत्यु के बाद गलत वरासत हो गई और पूरी साढ़े आठ बीघा जमीन छह भाइयों के नाम चढ़ गई। इसका वाद न्यायालय में विचाराधीन है। बकौल राफे फरवरी 2021 में तबरेज राना ने हमारे हिस्से की जमीन में से 18 बिस्वा बेच दी। ये बात जब पता चली तो निबंधन कार्यालय में आपत्ति करके दाखिल खारिज रोकवा दी। हमले की घटना से कोई सरोकार नहीं है।

PM मोदी के साथ काम कर चुके पूर्व IAS अधिकारी ने थामा ‘कमल’, बीजेपी में शामिल होकर गदगद हुए AK शर्मा

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर लिया। गुरुवार को मकर संक्रांति के पर्व पर लखनऊ में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा तथा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की मौजूदगी में एके शर्मा ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने सियासी पारी खेलने का फैसला किया है। यूपी के मऊ जिले के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा का रिटायरमेंट साल 2022 था, लेकिन उन्होंने अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेकर सभी को चौंका दिया। शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अति विश्वसनीय अधिकारियों में से एक रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें विधान परिषद भेज सकती है।

सीएम योगी का जताया आभार

शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनकी अनुपस्थिति में आभार जताते हुए कहा कि वह मऊ जिले के पिछड़े गांव से ताल्लुक रखते हैं। वह राष्ट्रवाद और पार्टी की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं। एके शर्मा ने पार्टी ज्वाइन करने के बाद कहा कि मैं भाजपा में आने पर खुश हूं।

अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि मैं पार्टी में शामिल होकर आज गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। देश में दल और पार्टियां बहुत हैं। मैं किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं हूं, फिर भी भाजपा जैसी पार्टी का सदस्य बन गया हूं। यह काम सिर्फ मोदी जी और भाजपा ही कर सकती है। पार्टी जो जिम्मेदारी सौंपेगी उसे स्वीकार करेंगे। अन्य सवालों का जवाब देने के बजाय शर्मा हाथ जोड़कर चले गए।

ईमानदार छवि वाले हैं एके शर्मा- स्वतंत्र देव

इस दौरान यूपी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने कहा कि अरविंद शर्मा कई सामाजिक कार्यों में भागीदारी देते रहे हैं। उनकी ईमानदार छवि है। अरविंद शर्मा मूल रूप से यूपी के मऊ के रहने वाले हैं। अरविंद शर्मा जी की गिनती भारत सरकार के चुनिंदा अफसरों में होती है। लो प्रोफाइल रहते हुए पीएमओ और फिर एमएसएमई में बेहतरीन काम के लिए चर्चा में रहें है।

लंबे समय तक पीएम के साथ कर चुके हैं काम

पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश भाजपा मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। 1998 कैडर के गुजरात के चर्चित आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है। दो वर्ष की नौकरी बाकी रहने के बाद भी स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले अरविंद कुमार शर्मा को एक व्यापक दृष्टिकोण वाला परिश्रमी अधिकारी माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात के साथ पीएम ऑफिस, दिल्ली में भी काम करने का उनका लम्बा अनुभव है।

विधान परिषद भेज सकती है भाजपा!

माना जा रहा है कि अरविंद कुमार शर्मा को भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश से विधान परिषद सदस्य बनाने जा रही है। विधान परिषद की 12 सीट में से भाजपा का दस पर कब्जा बिल्कुल तय माना जा रहा है। भाजपा 16 जनवरी तो अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगी।