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बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मनजीत सिंह को लेकर काफी तेज हो चुकी है,जदयू के पूर्व विधायक हुआ करते थे

बिहार में अभी ना विधानसभा का चुनाव है ना लोकसभा का चुनाव पर सियासी सरगर्मी बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मनजीत सिंह को लेकर काफी तेज हो चुकी है यह वही मनजीत सिंह है जो जदयू के पूर्व विधायक हुआ करते थे पिछले विधानसभा चुनाव में इन्हें मिथिलेश तिवारी जो भाजपा के उम्मीदवार  ने मात दी थी  और इस बार यह सीट भाजपा कोटे में चले जाने के बाद मनजीत सिंह ने निर्दलीय ताल ठोक कर मिथिलेश तिवारी के विजय रथ को रोक दिया बैकुंठपुर मनजीत सिंह के परिवार की परंपरागत सीट रही है उनके पिता बाबू ब्रजकिशोर सिंह पहले यहां से विधायक हुआ करते थे सरकार में मंत्री भी रहे खुद मनजीत सिंह बैकुंठपुर के विधायक रहे लेकिन वर्ष 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में बतौर जदयू और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर इन्हें हार का सामना करना पड़ा

अब मूल कहानी पर आते हैं मनजीत सिंह को लेकर बुधवार को ख़बर आई वह राजद में शामिल होंगे और इस बाबत खुद उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ मुस्कुराते हुए एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर कल ट्रेंड कर रही थी जिसमें तेजस्वी यादव मनजीत सिंह बिस्कोमान के चेयरमैन व राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह पूर्व विधायक महेश्वर सिंह परसा से राजद विधायक छोटेलाल राय और बैकुंठपुर से राजद विधायक प्रेम शंकर यादव एक साथ नजर आ रहे थे मनजीत सिंह अपने लिए नई राजनीतिक जमीन तलाशने में लगे हुए थे जिसका ठिकाना हाल ही में एक शादी समारोह में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के साथ मशरख में हुई उनकी मुलाकात के बाद सामने आ गई थी। उसी समय से यह कयास लगाया जा रहा था कि यह राजद में जाएंगे बिस्कोमान चेयरमैन सुनील कुमार सिंह से इनके व्यक्तिगत रिश्ते रहे हैं |

इस कारण से राजद में एंट्री में कोई दिक्कत नहीं थी और जिसकी कल घोषणा भी हो गई थी लेकिन इसके बाद कहानी में ट्विस्ट आ गया कल देर रात से ही खबर आने लगी कि मनजीत सिंह को जदयू किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती है हालांकि निर्दलीय ताल ठोकने के कारण पार्टी ने 6 वर्षों के लिए उन्हें प्राथमिक सदस्यता तक से निलंबित कर रखा है पर मनजीत सिंह के राजद में जाने की खबर के बाद आज मंत्री लेसी सिंह पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह और वरीय जदयू नेता राणा रणधीर सिंह को गोपालगंज अवस्थित मनजीत सिंह के गांव देवापुर भेजा गया जहां घंटो हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा मनजीत सिंह के समर्थक किसी भी कीमत पर मनजीत सिंह को जदयू नेताओं के साथ पटना जाने देने को राजी नहीं थे जदयू नेता लोगों का मनावन करते रहे और अंततः मंत्री लेसी सिंह की गाड़ी में सवार होकर मुख्यमंत्री से मिलने मनजीत सिंह पटना रवाना हो गए।इस पूरे घटनाक्रम के बाद मनजीत सिंह जदयू में जाएंगे या राजद में इस पर संशय बना हुआ है पर सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री से मिलन के बाद मनजीत सिंह की जदयू में ही वापसी होगी पर क्या राजद में उनके लिए सेफ जोन तलाश रहे लोग मनजीत सिंह को माफ कर पाएंगे और खासकर वह जिनके सहारे वह राजद में धूम धमाके के साथ इंट्री करने वाले थे राजनीति में कब क्या होगा किसी को नहीं पता है फिलहाल मनजीत सिंह अपने भाग्य भविष्य को लेकर खुद चौराहे पर है।

बैकुंठपुर में उनके लिए सबसे बड़ा रोड़ा 2015 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीते भाजपा के संप्रति प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी है जिन्होंने बैकुंठपुर से मनजीत सिंह के तिलिस्म को तोड़ा था लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में मंजीत सिंह ने निर्दलीय ताल ठोक कर भाजपा उम्मीदवार के विजय रथ को रोक दिया और यहां से राजद के प्रेम शंकर यादव चुनाव जीत गए जो पूर्व विधायक देवदत्त प्रसाद के पुत्र हैं। सारण प्रमंडल में बाढ़ की एंट्री गोपालगंज के देवापुर के बांध के टूटने के कारण ही होती है बैकुंठपुर बाढ़ से तबाह होने वाला क्षेत्र है यहां की राजनीति भी बाढ़ में फंसी रहती है अगर मनजीत सिंह राजद में चले जाते हो तो फिर पलड़ा यहां भाजपा के मिथिलेश तिवारी का ही भारी था लेकिन फिर उनके जदयू में आने के बाद मनजीत सिंह के लिए कहां से सीट तलाशी जाएगी यह भी बड़ी समस्या है

चर्चा है कि अगर राजद में जाते तो इन्हें विधान परिषद का चुनाव लड़वाया जाता और बरौली में इनको पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है जदयू मनजीत सिंह को किन उपहारो से नवाजती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा |

अनूप नारायण सिंह

भोजपुरी माटी गीतों को जिन्होंने सात समुंदर पार दिलाई पहचान….

#भोजपुरी लोक गीतों के चर्चित गायक अजीत कुमार अकेला की पांचवीं पुण्यतिथि पर विशेष…..

भोजपुरी माटी गीतों को जिन्होंने सात समुंदर पार दिलाई पहचान….
#कौड़ी कौड़ी जोड़ के संचय कइनी खजाना पूंजी सब खर्चा हो गईले करब से कवन बहाना त पल भर समय ना घटिहे बढिहे समय से खुली सवारी अब पियवा के लागल बा कचहरी भेजले बा डोलिया कहारी यह निर्गुण अकसर गुरू अकेला जी गाया करते थे…. अजीत कुमार अकेला से पहली मुलाकात पटना हाई स्कूल में 1995 में हुई वे संगीत शिक्षक थे मेरे ऊपर उनका विशेष स्नेह था .पटना कालेज के पास ऐनी बेसेनट मार्ग में उनका आवास था पर इन दिनों राजा पुर पुल के पास गंगा अपार्टमेंट में रहने लगे थे। हमार बैल गाडी सबसे अगाडी, झामलाल बुढवा पीटे कपार, बऊरहवा के अजबे राजधानी देखनी; देवी भईली गुलरी के हो फूल.अईली दुअरिया बन के पुजरिया.चार गो बेलपत्र चार दाना चाऊर ऐ भोला देख तहार उनके लोकप्रिय हिट गीत थे। पर तीन सौ से ज्यादा हिट भोजपुरी एलबम इन्होंने गाया था।

सईया सिपहिया बलमा जय मईया अमबे भवानी कल हमारा है समेत 18भोजपुरी व 5 हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायन भी किया था।रेडियो व दूरदर्शन के ए ग्रेड लोकगायक थे नब्बे के दशक में भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय व हिट गायक थे शारदा सिन्हा के बाद भोजपुरी छठ गीतों के इकलौते प्रतिनिधि मेल गायक बने जिनके गाए छठ गीत दर्शन दिही भोरे भोरे हे……अबकी के गेहुआ महंग भईल बहिनी छोड देहू हे बहिनी छठिया बरतिया हरेक भोजपुरी भाषी के घर में बजे सरकारी स्कूल की नौकरी में रहते हुए भोजपुरी का मान बढाया। मंच के टंच कलाकार थे अकेला जी देवी जागरण में इनका कोई जोड नहीं था

कणठ में साक्षात सरस्वती विराजमान थी। पूर्वी सोहर , झूमर ,कजरी ,निर्गुण ,सोहर, बारहमासा से लेकर सोठी लोरिकायन तक के प्रतिनिधि गायक थे अश्लीलता के मुखर विरोधी भी थे अजीत कुमार अकेला इन दिनों अस्वस्थता के बावजूद गीत संगीत को सहेजने में लगे थे। पटना से सटे संपतचक के सभ्रांत ब्राह्मण परिवार में जन्मे अकेला के पिता रामपुकार महाराज धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे एक पुत्र व एक पुत्री के पिता अकेला जी मारिशस फिजी गुयाना त्रिनिदाद टोबेको मे भी सैंकडों शो कर चुके थे |

(अनूप नारायण सिंह की कलम से)