Tag Archives: Bihar

साल 2020 की अंतिम देर रात बिहार में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल, के.सेंथिल बने नए गृहसचिव

पटना। साल 2020 की अंतिम देर रात में बिहार में बडे स्तर पर प्रशासनिक और पुलिस महकमें मे फेरबदल कर दिया गया। बिहार सरकार ने 38 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का तबादला किया गया, जबकि कई भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों का भी स्थानांतरण कर दिया गया है। इसमें 12 जिले के जिलाधिकारी शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को सामान्य प्रशासन विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि, उन्हें अब मद्य निषेध विभाग और निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

वहीं, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार को सामान्य प्रशासन विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है। के. सेंथिल को नया गृहसचिव बनाया गया। इसी तरह पटना के जिलाधिककारी (डीएम) कुमार रवि को भवन निर्माण में सचिव बनाया गया है। चंद्रशेखर सिंह को पटना का नया जिलाधिकारी बनाया गया। गोपालगंज के डीएम अरशद अजीज को गन्ना उद्योग विभाग में ईखायुक्त, भागलपुर के डीएम प्रणव कुमार को मुजफ्फरपुर का डीएम तथा अवनीश कुमार सिंह को जमुई, जे. प्रदर्शनी को अरवल, सज्जन आर. को शिवहर, श्याम बिहारी मीणा को मधेपुरा, सुब्रत कुमार सेन को भागलपुर का डीएम बनाया गया है।नवदीप शुक्ला को कैमूर का डीएम बनाया गया। इसके अलावा नवल किशोर चौधरी को गोपालगंज, धर्मेंद्र कुमार को सासाराम, नीलेश रामचंद्र को सारण तथा अमित कुमार को मधुबनी का डीएम बनाया गया है।

इसी तरह आईपीएस अधिकारियों में भी बडे पैमाने पर तबादला किया गया है। शोभा ओहटकर को महानिदेशक गृहरक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन का दायित्व सौंपा गया है जबकि निर्मल कुमार आजाद को अपर पुलिस महानिदेशक, रेल, रविन्द्रण शंकरण को अपर पुलिस महानिदेशक, आतंकवाद निरोधक दस्ता की जिम्मेदारी दी गई है। मनु महाराजा को मुंगेर से स्थानांतरित करते हुए सारण का उप महानिरीक्षक और शफीउल हक को मुंगेर का उप महानिरीक्षक बनाया गया है।

RJD ने नीतीश को PM कैंडिडेट बनाने का दिया ऑफर, कहा- अगर तेजस्वी को बना दें CM तो…

नई दिल्ली। बिहार में एनडीए ने भले ही सरकार बना ली हो, लेकिन एनडीए के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। चुनाव में सबसे अधिक सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी ने भले ही वादे के मुताबिक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया हो, लेकिन उनकी मौजूदगी पूरी तरह हजम भी होती नजर नहीं आ रही है। इस बीच अरुणाचल में जेडीयू विधायकों का बीजेपी में जाना, बिहार की सियासत को और सुलगा गया है। एनडीए की इस खलबली पर विपक्ष पैनी नजर बनाए हुए है और जीत की दहलीज तक पहुंचने वाली राजद को संभावनाएं नजर आने लगी हैं।

दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार को बड़ा ऑफर देते हुए कहा है कि ‘अगर नीतीश कुमार तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना दें तो उनको 2024 में प्रधानमंत्री के लिए विपक्षी पार्टियां समर्थन कर सकती हैं।’

उदय नारायण के इस ऑफर को देखते हुए माना जा रहा है कि आरजेडी चुनाव में मिली हार के बाद भी सरकार में आने की उम्मीद नहीं छोड़ पाई है और ऐसे प्रलोभन देकर एक बार फिर से नीतीश कुमार के साथ जाने के लिए तैयार खड़ी है। अपने इसी मंसूबे के चलते नीतीश कुमार को आरजेडी ने दिल्ली तक भेजने का ऑफर दे डाला है। हलांकि, इसकी कहीं न कहीं इसकी वजह बीजेपी और जेडीयू के बीच बढ़ रही खींचतान भी बताई जा रही है।

बीजेपी को मिलीं ज्यादा सीटें

दरअसल, 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए को 125 सीटों पर जीत मिली थी। इनमें 74 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी जबकि जेडीयू 43 पर सिमट गई थी। यानी बीजेपी को जेडीयू से काफी ज्यादा सीटें मिली थीं। बावजूद इसके बीजेपी ने नीतीश कुमार का नेतृत्व ही स्वीकार किया क्योंकि उनके चेहरे पर ही पूरा चुनाव लड़ा गया था। लेकिन नीतीश कैबिनेट में बीजेपी अपनी सीटों के हिसाब से ज्यादा भागीदारी चाहती है। इस बात पर विवाद भी गहरा रहा है। जवाब में जेडीयू ने बीजेपी को 2010 के चुनाव की याद दिलाई है।

रविवार (27 दिसंबर) को पटना में हुई जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश की जगह आरसीपी सिंह को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। इस मौके पर आरसीपी सिंह ने ताजा विवाद पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया। आरसीपी सिंह ने कहा कि आज जो लोग स्ट्राइक रेट की बात कर रहे हैं उन्हें 2010 का चुनाव याद करना चाहिए जब जेडीयू का स्ट्राइट रेट 90 फीसदी था। आरसीपी सिंह ने कहा कि जेडीयू का स्ट्राइक रेट अच्छा होने के बावजूद नीतीश कुमार ने उस वक्त कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच जो तय हुआ था उसी के आधार पर मंत्री पद का बंटवारा होगा।

इसके अलावा जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस बैठक में ये भी कहा कि हमारी पार्टी किसी की पीठ में छुरा नहीं मारती है, साथ ही हम किसी को मौका भी नहीं देते हैं कि कोई हमारे पीठ में छुरा मार सके। आरसीपी के इस बयान को अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है जहां जेडीयू के 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दूसरी तरफ बीजेपी के पसंदीदा मुद्दे लव जिहाद के खिलाफ कानून पर जेडीयू ने खुद को अलग कर लिया है।

एनडीए गठबंधन अटूट

कुल मिलाकर दोनों दलों के बीच स्थिति फिलहाल काफी नाजुक नजर आ रही है। हालांकि, पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का कहना है कि एनडीए का गठबंधन अटूट है और नीतीश कुमार सीएम पद के लिए एनडीए के नैचुरल च्वाइस थे। सुशील मोदी ने ये भी कहा है कि अरुणाचल एपिसोड का असर बिहार में एनडीए गठबंधन पर नहीं पड़ेगा। दूसरी तरफ जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने भी कहा है कि अरुणाचल में बीजेपी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है, उसकी जरूरत नहीं थी। साथ ही हमने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में लव जिहाद पर किसी कानून का सवाल ही नहीं है। लेकिन बिहार में बीजेपी से हमारा गठबंधन मजबूत है।

बहरहाल, तमाम खींचतान के बावजूद एनडीए नेता भले ही गठबंधन मजबूत होने के दावे कर रहे हों लेकिन आरजेडी ने इस कलह के बीच नीतीश के सामने एक बड़ा ऑफर रख संभावनाओं के दरवाजे जरूर खोल दिए हैं।

सीएम नीतीश कुमार का ऐलान, अब आरसीपी सिंह संभालेंगे जदयू की कमान

सीएम नीतीश कुमार के करीबी और राज्ससभा सांसद आरसीपी सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार को हुआ बैठक में यह फैसला लिया गया है। पार्टी के इस फैसले से आरसीपी सिंह के समर्थकों में खुशी की लहर है।
बता दें कि बैठक में आरसीपी सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव नीतीश कुमार ने दिया, जिसका सर्वसम्मति से सभी सदस्यों ने समर्थन दिया।
बताते चलें कि आरसीपी सिंह नालंदा जिले के रहने वाले हैं और राजनीति में शामिल होने से पहले वह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी थे। वे रामपुर, बाराबंकी, हमीरपुर और फतेहपुर के डीएम रह चुके हैं। सिंह का नालंदा जिले के मुस्तफापुर में छह जुलाई 1958 को जन्म हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा हुसैनपुर, नालंदा और पटना साइंस कॉलेज से हुई है। बाद में वे जेएनयू में पढ़ाई करने के लिए चले गए।
इसके अलावा बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा की सीएम और राष्ट्रीय अध्यक्ष रहना सही बात नहीं है। उन्हों ने कहा कि आरसीपी सिंह कि अगुवाई में पार्टी और आगे बढ़ेगी, मैं तो मुख्यमंत्री बनना भी नहीं चाहता था, लेकिन लोगों ने कहा तो मैंने पद सम्भाला।

बड़ी खबर, पटना के इस सिनेमा हॉल में सेना के जवान अब फ्री में देख सकेंगे सिनेमा

बिहार। पटना के रीजेंट फन सिनेमा के मालिक ने देश की रक्षा करने वाले जवानों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। अब नए साल से कोई भी सेना का जवान रीजेंट सिनेमा हॉल में फ्री में सिनेमा देख सकता है। रीजेंट सिनेमा के मालिक सुमन सिन्हा ने क्रिसमस के दिन घोषणा करते हुए कहा कि तीनों सेना के कोई भी वर्तमान जवान या फिर रिटायर्ड फौजी रीजेंट सिनेमा हॉल में मुफ्त टिकट बुक करा सकता हैं। इसके लिए जवानों को सिर्फ अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। खास बात यह है कि यह सुविधा जवानों के लिए आजीवन है।

रीजेंट फन सिनेमा के मालिक सुमन सिन्हा की माने तो सिनेमा के नियम में यह जोड़ दिया गया है कि हमारे सिनेमा हॉल में हर जवान आजीवन मुफ्त सिनेमा देख सकता है। कोई भी फौजी अगर बुकिंग काउंटर के जगह ऑनलाइन बुकिंग कराना चाहता है तो उसे यह भी सुविधा मिलेगी। घर बैठे पहचान पत्र के साथ ऑनलाइन मुफ्त टिकट बुकिंग करा सकता है।

चार साल के अभीष्ट ने रचा इतिहास, सिर्फ झंडा देखकर बता दिया 195 देशों का नाम और राजधानी

नई दिल्ली। यह सही कहा जाता है कि पूत के पांव पालने में ही दिखाई दे जाते हैं। ऐसी कहावत को सही साबित किया है भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा के सदस्य प्रभात झा के पोते अभीष्ट झा ने।

4 वर्षीय अभीष्ट झा ने एक नया इतिहास रचा है। अभीष्ट ने 195 देशों के राष्ट्रीय ध्वज को देखकर उस देश का नाम और राजधानी बताकर इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है।

अपने पोते की वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए प्रभात झा ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें बधाई दी है। साथ ही उन्होंने लिखा कि 4 वर्षीय हमारे पोते अबीष्ट ने कमाल करते हुए इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने पोते अभीष्ट झा और अभीष्ट की मा और अपनी बहु श्वेता झा को भी बधाई दी है।

चार साल के अभीष्ट को राष्ट्रगान, राष्ट्रीय गीत के अलावा कई भक्ति गीत भी याद हैं। अभीष्ट को डांस और संगीत में भी काफी रुचि है। 24 जुलाई 2016 को अभीष्ट का जन्म बिहार के सीतामढ़ी जिले के कोरियाही में हुआ। प्रभात झा के पुत्र व अभीष्ट के पिता तुषमुल झा पेशे से व्यवसायी व राजनीति में भी सक्रिय हैं, उसकी मां श्वेता झा गृहिणी हैं। अभीष्ट को स्कूल से वंडर बॉय का खिताब भी मिला है।

10 गुना ज्यादा दाम मिलने से खुश हुए किसान, कहा- ‘नए कृषि कानून के फायदे सभी को बताऊंगा’

पटना। देश में जारी किसान आंदोलन के बीच एक चौंकाने वाली अच्छी खबर सामने आई है। बिहार के समस्तीपुर से आई तस्वीर ने सभी को चौंका दिया। दरअसल, यहां एक किसान ने अपनी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर जमींदोज सिर्फ इसलिए कर दिया, क्योंकि उसने फसल की वाजिब कीमत नहीं मिल रही थी।

खबर के बारे में जानकारी मिलते ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहले के बाद किसान को फसल का 10 गुना दाम मिला। जिसके बाद खुश किसान ने कहा कि वह सभी को कृषि के नए कानूनों के बारे में बतायेगा और सभी को इसके होने वाले फायदे से अवगत करवायेगा।

दरअसल, गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाने वाले किसान ओम प्रकाश यादव ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से बात करते हुए कहा, ‘CSC के जरिए मेरी फसल ठीक दाम पर बिक गई। हालांकि अभी पूरी फसल नहीं बिकी है, सिर्फ 4 टन माल बिका है।’ इस पर रविशंकर प्रसाद ने किसान से कहा- ‘अभी तो यह शुरुआत है। आगे भी आपकी फसल बिकेगी।’

समस्तीपुर के मक्तापुर गांव के किसानों से आग्रह करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आप अपने अनुभवों को बाकी किसानों के साथ जरुर शेयर करें। उनको बताएं कि नए कानून की वजह से समस्तीपुर की गोभी अच्छे दाम पर दिल्ली में बिक गई है। वहीं आग्रह को देखते हुए किसानों ने भी अपनी सहमति जताते हुए कहा- ‘ठीक है मैं बाकी लोगों को भी इस बारे में बताऊंगा।’

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘किसान आंदोलन को लेकर राजनीति हो रही है। सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। मंडी से बाहर आकर किसानों को फायदा होगा। हमें तकनीक से भी किसानों को लाभ पहुंचाने के बारे में सोचना चाहिए।’ किसान की कहानी सोशल मीडिया चर्चा का विषय बनी हुई थी। किसान ने गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था।

रविशंकर प्रसाद ने खबर के संज्ञान में आने के बाद अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि वे किसान से संपर्क करें और उनकी फसल को देश के दूसरे राज्य में सही दाम पर बेचने का बंदोबस्त करें। सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटिल प्लेटफार्म बना रखा है। इसी प्लेटफार्म पर दिल्ली के एक खरीददार ने किसान की गोभी 10 रुपये प्रति किलो खरीदने का प्रस्तान दिया।