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लगातार दूसरे दिन बम मिलने से नोएडा में मचा हडकंप, जानें, किसने की पुलिस ने ऐसी शरारत?

नई दिल्ली। दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-63 में शुक्रवार सुबह संदिग्ध सामान मिलने से हडकंप मच गया। इलाके को आनन-फानन में खाली कराया गया। बता दें कि गणतंत्र दिवस समारोह के चलते दिल्ली समेत पूरे एनसीआर को अलर्ट किया गया है। इस बीच लगातार दूसरे दिन बम मिलने की सूचना से हर किसी को चौका दिया। वहीं मौके से पहुंची बम स्कॉड टीम ने जांच में पता लगाया कि ये बम नहीं बल्कि इसे शरारती तत्वों द्वारा शरारत थी।

दरअसल, नोएडा सेक्टर-63 स्थित छिजारसी में एसजेएम अस्पताल के पास बम रखने की सूचना से शुक्रवार सुबह हड़कंप मच गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फेस-3 कोतवाली पुलिस और सेंट्रल जोन नोएडा के पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल व उसके आसपास के परिसर को खाली कराया। अस्पताल के बाहर सर्च अभियान चलाया। इस बीच आनन फानन में पुलिस को सूचना देकर ट्रैफिक डायवर्ट कराया गया। वहीं, जांच में पाया गया कि बम जैसी दिखने वाली यह चीज डेटोनेटर या विस्फोटक पदार्थ नहीं है। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली और पुलिस ने इसे शरारती तत्वों का काम बताया है।

गौतमबुद्धनगर के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह भी डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और फायर ब्रिगेड टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बताया कि एक व्यक्ति ने सूचना दी थी कि एक संदिग्ध वस्तु अस्पताल के पास सड़क पर पड़ी है। बम निरोधक दस्ते द्वारा परीक्षण किया गया, तो पाया गया कि उसमें कोई भी डेटोनेटर एवं विस्फोटक पदार्थ नहीं था। किसी शरारती तत्वों द्वारा इसे एक घड़ी नुमा वस्तु लगाकर बनाया गया था। इसे वहां से हटा दिया गया है। इस पूरी कार्रवाई में करीब दो घंटे लगे। इस दौरान आसपास का ट्रैफिक को रोकना पड़ा। सुबह 7 बजे से 9 बजे तक यातायात प्रभावित रहा।

जांच के बाद के पुलिस बल समेत अन्य जांच टीमें वापस रवाना हो गईं। बीडीएस टीम ने सुरक्षा के साथ संदिग्ध वस्तु को निष्क्रिय कर दिया। संदिग्ध वस्तु को जांच के लिए लैब भेजा गया है। हालांकि पुलिस आयुक्त ने गणतंत्र दिवस से पूर्व किसी आतंकी घटना व साजिश से शहर को दहलाने की बात से इन्कार किया है।

गौरतलब है इससे पूर्व बृहस्पतिवार को भी सेक्टर-27 स्थित निजी अस्पताल में बम रखने की सूचना मिली थी। लेकिन पुलिस ने जब अस्पताल पहुंच जांच की तो यह अफवाह मिली थी। इस दौरान भी ओपीडी बंद करके अस्पताल परिसर को खाली कराना पड़ा था।