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राजस्थान में सियासी वबाल…सोनिया देंगी समाधान!…पढ़िए पूरा मामला

AARYAA NEWS DESK: राजस्थान के सीएम बदला जाएगा या फिर गहलोत की कुर्सी को बरकरार रख जाये। 4 दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात के बाद से ही इस फैसले का इंतजार किया जा रहा है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी शुक्रवार को कहा था कि 1-2 दिन में मुख्यमंत्री पर फैसला हो जाएगा। हालांकि, अब तक पार्टी की ओर से ना तो कोई फैसला आया है और ना ही कोई संकेत दिया गया है।

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अशोक गहलोत ने इशारों ही इशारो में साफ कर दिया कि सचिन पायलट उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में मंजूर नहीं हैं। तो वही गहलोत ने अपने तेवर में ये साफ कर दिया की अधिकतर विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, ”नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति किए जाने पर 80 से 90 फीसदी विधायक पाला बदल लेते हैं, वे नए नेता के साथ हो जाते हैं, मैं इसे गलत भी नहीं मानता, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ।”गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना कहा, ”जब नए मुख्यमंत्री के आने की संभावना थी तो क्या कारण था कि उनके नाम से ही विधायक बुरी तरह से भड़क गए.

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गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। इससे राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन और पायलट को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच गहलोत के वफादार कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, गहलोत ने बाद में घोषणा की थी कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। अटकलें हैं कि पार्टी हाईकमान गहलोत से नाराज है और उन्हें सीएम पद से भी हटाना चाहती है।

राजस्थान- फ्रंटफुट पर खेल रहे अशोक गहलोत…विधायकों की बगावत पर दिया जवाब…पढ़िए

AARYAA DESK : राजस्थान में मचे घमासान के बाद अब इंतजार सोनिया गांधी के फैसले का है. फैसला इस पर लिया जाना है कि अशोक गहलोत सीएम की कुर्सी पर बने रहेंगे या फिर नहीं. इसी बीच गहलोत ने राजस्थान में हुई बगावत को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने आलाकमान तक मैसेज पहुंचाने की कोशिश की है कि राजस्थान में विधायक डरे हुए हैं. यानी गहलोत एक बार फिर अपना कद और ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा गहलोत ने खड़गे की भी तारीफ की है.

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पायलट की बगावत का भी किया जिक्र
गहलोत ने कहा कि, “मैंने पहली बार माफी मांगी. मोदी सरकार हमेशा कोशिश करेगे कि कैसे सरकार गिरा देंगे, हमारे विधायक को अमित शाह ने मिठाई खिलाई थी. 102 लोगों को कैसे भूल सकता है. 10 करोड़ का रेट था, बाद में 10, 20, 50 करोड़ की बात होने लगी. मैं रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है, मैं विधायकों का अभिभावक हूं. आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ कमेंट भी कर देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं.”

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अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की बगावत का भी जिक्र कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए हम पर बड़ा संकट आया. लेकिन हमने उसे विफल कर दिया, बीजेपी आगे भी सरकार को डिस्टर्ब करने की कोशिश करेगी लेकिन प्रदेश वासियों का सहयोग उनके साथ है तभी वह बार-बार कहते हैं कि वे उनसे दूर कैसे हो सकते हैं.

#राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत तीन दिन के अंतराल पर उत्तर प्रदेश के दूसरे दौरे पर#

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत तीन दिन के अंतराल पर उत्तर प्रदेश के दूसरे दौरे पर हैं। रविवार को अलीगढ़ के बाद अब वह चित्रकूट पहुंचे हैं। चित्रकूट के दीन दयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का चिंतन शिविर होगा। इसकी की मुख्य बैठक नौ से 12 जुलाई तक होगी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत सात दिवसीय दौरे पर मंगलवार सुबह छह बजे प्रभु श्रीराम की तपोभूमि पहुंचे

संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से उतरते ही संघ पदाधिकारियों और प्रशासनिक अमले ने उनकी अगवानी की। वह दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प आरोग्यधाम के लिए निकल गए।कार्यक्रम के तहत वह मध्यप्रदेश के जिला सतना स्थित दीनदयाल शोध संस्थान आरोग्य धाम में बैठक की तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके बाद भगवान कामतानाथ के दर्शन और पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महराज से मिलने उसके तुलसीपीठ जा सकते हैं। वह 13 जुलाई तक चित्रकूट में रहेंगे।

आरोग्यधाम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नौ से 12 जुलाई तक चिंतन शिविर है। जिसमें अखिल भारतीय संघ टोली के सभी पदाधिकारी और क्षेत्र प्रचारक शामिल हो रहे हैं। बैठक भले ही नौ जुलाई को शुरू होनी है लेकिन संघ प्रमुख तीन दिन पहले ही चित्रकूट पहुँच गए हैं। स्टेशन में उनका संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी समेत डीआरआइ के संगठन सचिव अभय महाजन, जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने उनका स्वागत किया।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इस चिंतन शिविर में उत्तर प्रदेश में 2022 में 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य रणनीति बनने की संभावना है। इस बैठक में भाग लेने आरएसएस प्रमुख सोमवार देर रात संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से चित्रकूट पहुंच गए जबकि अन्य के आने का सिलसिला जारी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत अन्य पदाधिकारी यहां आज एकत्र हो जाएंगे। सभी लोग चित्रकूट के दीनदयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम में ठहरेंगे। यहां पर मुख्य चिंतन बैठक नौ से 12 जुलाई तक होगी। इस बैठक की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगता है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य बड़े पदाधिकारी तीन दिन पहले ही पहुंचे हैं।

चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय स्तरीय बैठक 9 जुलाई से 13 जुलाई तक होनी है। इस बैठक में संघ के कार्यों पर चर्चा की समीक्षा के साथ आगामी कार्ययोजना पर चर्चा होनी है। इस बैठक में संघ के देश के कोने-कोने से एक दर्जन क्षेत्रीय प्रचारक भी शामिल हो रहे हैं। सर संघचालक इस राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में शामिल होने आ रहे हैं। इस बैठक की तैयारी चित्रकूट जिला प्रशासन के साथ ही मध्य प्रदेश के रींवा के भी अधिकारियों ने की है।

अवैध कब्जे करने में भी माहिर है दाऊद अहमद छोटे मियां, राजनीतिक रसूख के चलते दशकों से बची रही गर्दन

लखनऊ–दाऊद अहमद–अवैध निर्माण को लेकर चर्चा में दाऊद अहमद छोटे मियां को

है। शहर के कई इलाकों में जमीनों और संपत्तियों पर छोटे मियां के कब्जे हैं मगर राजनीतिक रसूख के चलते पिछली सरकारों में प्रशासन के हाथ उसकी गर्दन तक नहीं पहुंच पाए। संपत्तियों पर कब्जा के लिए किसी भी हद तक जाने में दाऊद अहमद छोटे मियां का कोई सानी नहीं है।पुराने शहर की तंग गलियों से दाऊद अहमद छोटे मियां ने दबंगई की इबारत लिखनी शुरू की थी। कुछ समय में ही आसपास के इलाकों में अवैध कब्जों के अलावा जमीनों के छोटे-मोटे विवाद भी निपटाने लगा।

 दाऊद अहमद छोटे मियां का जरायम की दुनिया में दखल बढ़ा तो जल्द ही राजनीतिक सरपरस्ती भी मिल गई। सत्ता की छतरी तले दाऊद अहमद छोटे मियां ने शहर में विवादित संपत्तियों में दखल देना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे जमीनों के विवादित मामले दाऊद अहमदछोटे मियां के दरबार में आने लगे। वह और उसके गुर्गे ऐसे लोगों को चिह्नित करते, जिनकी संपत्तियां प्राइम लोकेशन में होतीं। इसके बाद शुरू होता वाजिब कब्जेदारों को परेशान करने का सिलसिला। जो टूट जाता उससे छोटे मियां के गुर्गे औने-पौने दामों में संपत्ति लिखा लेते। हुसैनगंज चौराहे के पास एक डाक्टर की इमारत पर कब्जे की कोशिश सुर्खियां बनीं। डाक्टर के क्लीनिक से सटी विवादित जमीन को दाऊद अहमद छोटे मियां ने खरीद लिया। डाक्टर ने अपना क्लीनिक बेचने से मना किया तो दाऊद अहमद छोटे मियां के गुर्गों ने उन्हें प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। रात को क्लीनिक बंद होने के बाद छोटे मियां के गुर्गे डाक्टर की छत को ड्रिल कर जाते तो कभी दरवाजों और खिड़कियों के रास्ते पानी भर देते। परेशान डाक्टर ने पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन राजनीतिक सरपरस्ती के चलते उसकी गर्दन बची रही। इसी तरह फूलबाग में दाऊद अहमद छोटे मियां नें जूनियर इंजीनियर के घर को निशाने पर लिया। पहले वहां किरायेदार रखवाया, फिर इंजीनियर को घर बेचने पर मजबूर कर दिया। इंजीनियर का परिवार महीनों तक पुलिस-प्रशासन के चक्कर लगाता रहा लेकिन सत्ता का हाथ होने के कारण छोटे मियां अपने मंसूबों में कामयाब होता चला गया। दाऊद अहमद

*कारगिल शहीद की 22 वी पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे का आयोजन।*

*कारगिल शहीद की 22 वी पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे का आयोजन।*
*मैनपुरी/किशनी*
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले।
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा।।
ये गाथा है उन वीर जवानों की जिन्होंने अपने वतन की खातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। भारतीय झंडे की शान में अपने प्राणों की आहुति देने में जरा सी भी चिंता नहीं की। पूरा भारत देश हमेशा कर्जदार रहेगा उन वीर सपूतों का जिन्होंने हमारी आजादी के खातिर हंसते हंसते अपनी जान कुर्बान‌ कर दी।
ऐसा ही भारत मां का एक वीर सपूत जनपद मैनपुरी की तहसील किशनी के ग्राम दिवन्नपुर साहिनी

में पैदा हुआ था नाम था अमरुददीन। अपने‌ नाम के अनुसार अमरूददीन बचपन से ही होनहार व पराक्रमी थे। सेना में भर्ती होकर अपनी मात्रभूमि की सेवा करने का जज़्बा बचपन से ही उनके अंदर कूट कूट कर भरा हुआ था। आखिरकार वे सेना में भर्ती हो गए। देश की सेवा करते हुए सन् 1999 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में अनेकों पाकिस्तानियों को मौत के घाट उतारने वाले वीर जांबाज शहीद अमरुद्दीन 03 जुलाई 1999 को वीरगति को प्राप्त हुए।

भारतीय सेना द्वारा उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया जहां सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। उन्हीं की याद में उनके परिजन हर वर्ष 03 जुलाई को इस सैनिक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भंडारे का आयोजन अपने निज प्रतिष्ठान शहीद अमरुद्दीन इंडेन गैस एजेंसी किशनी पर किया जाता हैं। आज़ भी क्षेत्रीय गणमान्य लोगों एवं परिजनों द्वारा शहीद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भंडारे का आयोजन किया गया।
 रिपोर्ट- राजनारायण सिंह चौहान मैनपुरी

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हुए कोरोना संक्रमित, खुद ट्वीट कर दी जानकारी  

नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि कोविड टेस्ट करवाने पर आज मेरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। मुझे किसी तरह के लक्षण नहीं हैं और मैं ठीक महसूस कर रहा हूं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मैं आइसोलेशन में रहकर ही कार्य जारी रखूंगा।

बता दें कि एक दिन पहले ही सीएम गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत कोरोना संक्रमित हो गई थीं, जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत होम आइसोलेशन में चले गए थे।